भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अब नई भूमिका में दिखाई देंगे. पूर्व कप्तान अब बीसीसीआई के अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. उनका नाम लगभग तय है, हालांकि अभी औपचारिक ऐलान होना बाकी है. सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष बनते हैं तो आने वाले दिनों में भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव देखने के लिए मिल सकते हैं. सौरव गांगुली का कार्यकाल हालांकि सिर्फ दस महीने का ही होगा, लेकिन वे कम समय में ही बहुत कुछ करने के लिए जाने जाते रहे हैं. टीम इंडिया के कप्तान बनने के बाद भी उन्होंने कई बदलाव किए थे, जिनके परिणाम देश ने बाद में देखे भी. जिस टीम इंडिया शब्द का इस्तेमाल हम करते हैं, वह सौरव गांगुली का ही दिया हुआ है और उन्हीं के समय में यह शब्द प्रचलन में आया. लेकिन अब सवाल यही है कि वे जब बीसीसीआई अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगे तो भारतीय क्रिकेट का चेहरा कितना बदल जाएगा.
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पूर्व कप्तान सौरव गांगुली अपनी बात साफगोई के साथ कहने के लिए जाने जाते हैं. भारतीय कप्तान विराट कोहली और सौरव गांगुली के बीच संबंध बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते. विश्व कप क्रिकेट 2019 में जब भारतीय टीम को सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, तब सौरव गांगुली ने विराट कोहली की आलोचना की थी. उन्होंने विराट कोहली की रणनीति की आलोचना की थी. हालांकि इसके बाद कई बार सौरव गांगुली विराट कोहली की तारीफ भी करते रहे हैं. बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद अब भारतीय कप्तान विराट कोहली से उनके संबंध कैसे रहने वाले हैं, यह देखने की बात होगी.
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पूर्व कप्तान समय समय पर विराट कोहली को सलाह भी देते रहे हैं, कुछ पर विराट कोहली ने अमल किया और कुछ पर नहीं भी किया. एक दिवसीय मैचों के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा से टेस्ट में ओपनिंग करानी चाहिए, यह बात सबसे पहले सौरव गांगुली ने ही कही थी. बाद में कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री को भी यह बात समझ में आई और उसके बाद रोहित से टेस्ट में भी ओपनिंग कराई गई. उसके बाद क्या हुआ यह अब सबके सामने है.
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यही नहीं सौरव गांगुली ने यह भी कहा था कि युवा प्रतिभाओं को तलाशने और उन्हें सीनियर टीम में जगह देने के लिए भारत को आगामी T-20 विश्व कप से भी आगे की सोच रखने की जरूरत है. एक अंग्रेजी अखबार में लिखे गए कॉलम में गांगुली ने लिखा था कि भारत के लिए यह जरूरी है कि वह अगले साल होने वाले T-20 विश्व कप को ना देखें. पिछले विश्व कप से पहले भी इस पर काफी शोर था और कभी-कभी यह सही नहीं होता है. जिस बात की जरूरत है वह यह है कि उन्हें केवल सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को चुनने और उन्हें भरपूर मौका देने की जरूरत है, क्योंकि घरेलू सर्किट में हमारे पास कई शानदार खिलाड़ी मौजूद हैं.
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भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी इस वक्त खेल रहे हैं जो सौरव गांगुली के पसंद के हैं. लेकिन इसके बाद भी भारतीय क्रिकेट में कोई बदलाव देखने को मिलें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए. वे बदलाव और अपनी मन की करने के लिए जाने जाते हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो