Mahendra Singh Dhoni vs Gautam Gambhir : भारत ने महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की कप्तान में अब तक दो विश्व कप जीते हैं. पहले महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने साल 2007 का विश्व कप ( T20 World Cup 2007) जिताया और उसके बाद साल 2011 में आईसीसी विश्वकप (ICC world cup 2011) का विश्व कप भी भारत ने जीता. इसमें भी भारतीय टीम की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ही थे. वैसे तो दोनों विश्व कप भारत ने जीते, उसमें पूरी टीम का बड़ा योगदान था, लेकिन इन दोनों विश्व कप में धोनी की कप्तानी के अलावा एक और समानता थी. वह थी सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की बल्लेबाजी. T20 विश्व कप 2007 में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने 75 रन की शानदार पारी खेली थी. वे उस टीम में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे. उसके बाद जब विश्व कप 2011 की बात आई तो उस मैच में भी गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने 97 रन की अद्भभुत पारी खेली थी. जिसके बल पर भारत ने वह विश्व कप अपने नाम किया.
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अब सवाल यही है कि दोनों विश्व कप फाइनल में सबसे बड़ी पारी खेलने के बाद भी किसी भी मैच में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार नहीं मिला. वहीं अब सवाल यह भी किया जाता है कि 97 रन बनाने के बाद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) शतक से क्यों चूक गए और एक खराब शॉट खेलकर आउट हो गए. गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने अब इसका खुलासा किया था कि 97 रन के स्कोर पर जब वे खेल रहे थे तब क्या हुआ था. गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने एक वेबसाइट से बात करते हुए साफ तौर पर बताया कि जब वे विश्व कप फाइलन में 97 रन पर खेल रहे थे, तब ओवर खत्म हो गया. इसके बाद गौतम गंभीर और महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने आपस में बात की. गौतम गंभीर ने बताया कि तब तक वे अपने स्कोर की नहीं, बल्कि भारत के स्कोर के बारे में सोच रहे थे.
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इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) से कहा कि तुम्हारे शतक में तीन रन बचे हैं, उन्हें पूरा कर लो. गौतम गंभीर ने कहा कि अगर उस वक्त महेंद्र सिंह धोनी उन्हें यह नहीं बताते कि तीन रन और पूरे करने हैं तो वह शायद अपना शतक पूरा कर लेते. धोनी की ओर से शतक की याद दिलाए जाने से वे कुछ ज्यादा ही सावधान हो गए और एक गलत शॉट खेलकर आउट हो गए और उन्हें पवेलियन जाना पड़ा. गौतम गंभीर ने कहा कि धोनी की सलाह की वजह से उनका ध्यान भंग हो गया और उनकी पारी का भी वहीं पर समापन हो गया. हालांकि धोनी इसके बाद भी खेलते रहे और आखिर में छक्का मारकर उन्हें भारत को जीत दिला दी.
गौतम गंभीर ने इसके साथ ही यह भी कहा कि यह सवाल मुझसे कई बार पूछा गया है कि जब वे 97 पर थे, तब हुआ क्या था. उन्होंने यह भी कहा कि जब वे वापस ड्रेसिंग रूम गए तो उन्होंने खुद से ही कहा कि यह तीन रन उन्हें जिंदगी भर परेशान करते रहेंगे. उस मैच में महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 91 की पारी खेली थी और इसके बाद वे मैन ऑफ द मैच बने थे. वहीं T20 विश्व कप में, जिसमें गौतम गंभीर ने 75 रन बनाए थे, उसमें भी गौतम गंभीर नहीं इरफान पठान मैन ऑफ द मैच चुने गए थे. पठान ने उस मैच में 16 रन देकर तीन विकेट झटके थे.
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गौतम गंभीर ऐसे खिलाड़ी रहे हैं अपनी बात साफ साफ कहने में विश्वास करते हैं और खुलकर अपनी बात रखते हैं. गौतम गंभीर पहले भी महेंद्र सिंह धोनी पर सवाल उठा चुके हैं. आपको बता दें कि विश्व कप 2011 के बाद जब भारतीय टीम आस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज के लिए जा रही थी, तब महेंद्र सिंह धोनी ने सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को ड्रॉप कर दिया था. हालांकि तब इसको लेकर तरह तरह के सवाल उठे थे, इसके बाद अब फिर गौतम गंभीर ने बड़ा खुलासा किया है, जो आने वाले वक्त में तूल पकड़ सकता है.
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गौतम गंभीर ने अपने करियर में 58 टेस्ट और 147 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. उनके नाम टेस्ट में 4154 रन और वनडे में 5238 रन दर्ज हैं. वनडे में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 150 रन है. उन्होंने 37 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले जिनमें 27.41 के औसत से 932 रन बनाए. गंभीर ने वनडे में 11 शतक और टेस्ट में 9 शतक जड़े. गंभीर ने 251 टी20 मैच खेले जिनमें 6402 रन बनाए और 53 अर्धशतक जड़े. गौतम गंभीर ने आईपीएल में भी अपनी कप्तानी का लोहा मनवाया और कोलकाता नाइटराइडर्स को 2 बार चैंपियन बनाया. साल 2012 में चेन्नई सुपर किंग्स को फाइनल में हराकर और फिर ठीक 2 साल बाद किंग्स इलेवन पंजाब को हराकर कोलकाता नाइट राइडर्स दूसरी बार इस खिताब पर अपना कब्जा जमाया.
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यह गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की ही कप्तानी का नतीजा था जिसमें दिल्ली की टीम 2007 में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची और खिताब को अपने नाम करने में कामयाब रही. गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने अपने करियर के दौरान कई बेहतरीन उपलब्धियां अपने नाम की, जिसे हासिल कर पाना किसी भी खिलाड़ी के लिए एक सपने से कम नहीं, हालांकि उनके इतने प्रयासों के बावजूद उन्हें वो सम्मान हासिल नहीं हुआ जिसके वो सही मायने में हकदार थे.
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विदेशी दौरों पर गौतम गंभीर का प्रदर्शन देखने लायक होता था, सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री वह तीसरे ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में 40 से ज्यादा की औसत से रन बनाए (इन देशों में कम से कम 10 टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ी). इन देशों में गौतम गंभीर की बल्लेबाजी औसत विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग से भी ज्यादा है. गौतम गंभीर को उनकी बल्लेबाजी के लिए 2009 में आईसीसी टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर (ICC Test Player of the year Year 2009) का पुरस्कार भी दिया गया. 2008 में एक साल में सबसे अधिक वनडे शतक (Most ODI Centuries by Indian Player Year 2008) लगाने का कारनामा भी इन्हीं के नाम है. 2009 में उन्होंने यह कारनामा टेस्ट प्रारूप में किया था और एक साल में सबसे अधिक टेस्ट शतक (Most Test Centuries by Indian Player Year 2009) बनाए थे.
गौतम गंभीर ने 2016 में भारत के लिए अंतिम टेस्ट मैच खेला था. उनका करियर 1999 में शुरू हुआ था. गंभीर ने टेस्ट मैचों में 41.95 के औसत से कुल 4154 रन बनाए और वनडे मैचों में उनके नाम 5238 रन रहे. गंभीर ने भारत के लिए 37 टी-20 मैच भी खेले. गौतम गंभीर भारत के लिए सबसे बेहतरीन ओपनर्स में से एक रहे हैं, इतना ही नहीं 3 नंबर पर भी उनकी बल्लेबाजी का औसत देखने लायक रहा है. वह टेस्ट करियर के दौरान रैंकिंग में पहले पायदान तक का सफर तय कर चुके हैं.
Source : News Nation Bureau