साल के आखिर में होने वाले आस्ट्रेलियाई दौरे के लिए जब तक बड़ी भारतीय टीम (Team India) की घोषणा नहीं हो जाती, कम से कम तब तक तीन चयनकर्ताओं देवांग गांधी, जतिन परांजपे और शरणदीप सिंह के बने रहने की संभावना है, ताकि निरंतरता सुनिश्चित रहे. देवांग गांधी, जतिन परांजपे और शरणदीप सिंह का चार साल का कार्यकाल 30 सितंबर को खत्म हो रहा है, लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) (BCCI) के अभी उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेने की संभावना नहीं है, बल्कि वह मौजूदा समिति के साथ ही बना रहेगा. पीटीआई इस बात की पुष्टि कर सकता है कि क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) (CAC) को जल्द खाली होने वाले इन तीन पदों के लिए साक्षात्कार कराने के संबंध में बोर्ड से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है.
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इस समिति के अध्यक्ष मदन लाल हैं वहीं, रूद्र प्रताप सिंह और सुलक्षणा नायक शामिल हैं. बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर पीटीआई से कहा कि सीएसी को अभी तक कोई सूचना नहीं भेजी गई है. निश्चित रूप से कोविड-19 लॉकडाउन ने सभी योजनाओं को अव्यवस्थित कर दिया है और अब ध्यान इंडियन प्रीमियर लीग पर है. साथ ही अभी कोई घरेलू क्रिकेट भी नहीं खेला जा रहा है. बीसीसीआई के अंदर ही एक विचार यह चल रहा है कि आईपीएल के शुरू होने से बेहतर यही होगा कि पैनल के तीनों निवर्तमान सदस्यों को कम से कम ऐसे ही बरकरार रखा जाए, जब तक आस्ट्रेलिया के लिए टीम घोषित नहीं हो जाती. टीम की घोषणा अक्टूबर के दूसरे और तीसरे हफ्ते के बीच होगी. अधिकारी ने कहा कि अगर आप देखो तो एमएसके प्रसाद और गगन खोड़ा की जगह सितंबर 2019 में नहीं बल्कि मार्च 2020 में लाया गया. अगर देवांग गांधी, जतिन परांजपे और शरणदीप सिंह आस्ट्रेलिया सीरीज के लिए सुनील जोशी और हरविंदर सिंह की मदद करते हैं और शायद इंग्लैंड सीरीज के लिए भी, तो इसमें कोई नुकसान नहीं है. सूत्र ने कहा कि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों को अच्छी तरह देखा है और उन्हें ‘बेंच स्ट्रेंथ’ का अच्छी तरह पता है.
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सुप्रीम कोर्ट की बीसीसीआई की अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड में छूट देने की याचिका पर सुनवाई भी एक अन्य कारण है. नए चयनकर्ताओं की घोषणा पारंपरिक रूप से आम सालाना बैठक के दौरान होती है क्योंकि चयन पैनल बीसीसीआई की उप-समिति है. स्वास्थ्य सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई आस्ट्रेलिया के लिए विशाल टीम भेजना चाहेगा जिसमें 23 से 25 खिलाड़ी शामिल हों. इसकी जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि यह तार्किक ही होगा कि कम से कम 23 से 25 खिलाड़ियों की टीम चुनी जाए जैसा पाकिस्तान और वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड दौरे के लिए किया. बाहर से नेट गेंदबाजों को बुलाने की कोई जरूरत नहीं है और अगर भारत ए टीम के खिलाड़ी भी जाते हैं तो इससे बायो-बबल में चार दिवसीय प्रथम श्रेणी मैच कराने में मदद मिलेगी.
Source : Bhasha