भारतीय क्रिकेट (Team India) में दो बड़े सवाल इस वक्त सभी के जेहन में हैं. पहला बड़ा सवाल यह है कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) क्रिकेट में वापसी कब करेंगे और कब फिर से मैदान पर खेलते हुए दिखाई देंगे, लेकिन उससे भी बड़ा सवाल यह है कि महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की जगह भारतीय टीम में शामिल किए गए विकेट कीपर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) आखिर कब तक खेलेंगे. लगातार मौके मिलने के बाद भी वे अपनी उपयोगिता साबित नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें बदल बदलकर हर कई नंबरों पर खिलाया गया, लेकिन हर बार वे नाकाम ही साबित हुए हैं. ऋषभ पंत (Rishabh Pant) के साथ पूरी टीम इंडिया (Team India) कैसे खड़ी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में खेले गए मैच में विराट कोहली (Virat Kohli) ने अपनी जगह उन्हें बल्लेबाजी के लिए भेज दिया, लेकिन इसके बाद भी वे कुछ नहीं कर सके और दो गेंद में शून्य पर आउट होकर चलते बने. ऋषभ पंत पर भरोसा जताने और खिलाने के चक्कर में भारतीय टीम प्रबंधन संजू सैमसन के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव कर रहा है. जो बल्लेबाज फार्म में है और जिसके रन बनाने की संभावना है, उसे दरकिनार कर ऋषभ पंत को लगातार मौके देना किसी की भी समझ में नहीं आ रहा है.
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ज्यादा पीछे न जाते हुए अगर कल ही खत्म हुई वेस्टइंडीज सीरीज की बात कर लें तो इस सीरीज के तीनों मैचों में ऋषभ पंत को टीम में रखा गया था. इन तीन मैचों में ऋषभ पंत ने मात्र 51 रन ही बनाए, इसमें दूसरे मैच में उन्होंने 33 रन की पारी खेली थी, अगर उसे हटा दिया जाए तो ऋषभ पंत ने क्या कारनामा किया है, यह सामने आ जाएगा. जिस मैच में उन्होंने 33 रन बनाए भी थे, उसमें भारत को हार का मुंह देखना पड़ा था. अगर इस सीरीज से थोड़ा पीछे चले जाएं तो पता चलेगा कि ऋषभ पंत आखिर कर क्या रहे हैं. पंत ने अब तक 26 T20 मैच खेले हैं, जसिमें वे 409 रन की बना सके हैं. उनका औसत 20 का ही रहा है. इन 26 मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 65 रन नाबाद है. ऐसा नहीं है कि वे बल्लेबाजी में ही फेल हुए हैं. वे विकेटकीपरिंग में भी लगातार गलतियां किए जा रहे हैं. 26 T20 मैचों में उन्होंने छह कैच लिए हैं, वहीं तीन खिलाड़ियों को स्टंप आउट किया है. ऋषभ पंत ने अपनी नाबाद 65 रन की पारी वेस्टइंडीज के खिलाफ ही छह अगस्त 2019 को ही बनाए थे. तब से लेकर अब तक करीब चार महीने का वक्त गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक उनके बल्ले से पचासा तक नहीं निकल सकता है.
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मजेदार बात यह भी है कि मुंबई की जिस पिच पर केएल राहुल, विराट कोहली और रोहित शर्मा ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की हो और शानदार पारियां खेली हों, उसमें ऋषभ पंत दूसरी ही गेंद पर कैच थमा बैठे. तीसरे मैच में तो कप्तान विराट कोहली ने फिर तीसरे नंबर पर प्रयोग किया और ऋषभ पंत को बल्लेबाजी के लिए भेज दिया. ऋषभ पंत पूरी कोशिश के बाद भी पिछले मैच में इस नंबर पर उतरे शुभम दुबे की सफलता को दोहरा नहीं पाए और वेस्टइंडीज के कप्तान केरन पोलार्ड ने उन्हें जेसन होल्डर के हाथों कैच आउट करा दिया. इस मैच में ऋषभ पंत अकेले ऐसे बल्लेबाज थे, जो बुरी तरह असफल रहे और बिना खाता खोले आउट होकर पवेलियन चले गए.
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ऋषभ पंत तो जो कर रहे हैं वह कर ही रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि संजू सैमसन को मौका नहीं मिल पा रहा है. यह लगातार दूसरी सीरीज गुजरी है, जिसमें संजू सैमसन टीम में तो शामिल थे, लेकिन उन्हें अंतिम ग्यारह में शामिल होने का मौका नहीं मिल सका. जब घरेलू क्रिकेट में संजू ने कई शानदार पारियां खेली हैं. बांग्लादेश सीरीज में भी संजू सैमसन को शामिल किया गया था, लेकिन एक भी मैच उन्हें नहीं खिलाया गया. मजे की बात यह रही कि बिना मैच खिलाए ही अगली सीरीज से उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. चयनकर्ताओं के इस फैसले की कड़ी आलोचना भी हुई. इसी बीच खबर आई कि सलामी बल्लेबाज शिखर धवन की चोट ठीक नहीं हुई है और इसके बाद आनन फानन में संजू सैमसन को टीम में भर्ती कर लिया गया. वेस्टइंडीज सीरीज में उम्मीद थी कि तीन मैचों में तो कम से कम एक मैच में तो उन्हें मौका दिया ही जाएगा. एक मैच तो उनके अपने घरेलू मैदान यानी त्रिवेंद्रम में भी खेला गया, लेकिन उस मैच में भी उन्हें नहीं खिलाया गया. अब भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन वन डे मैचों की सीरीज खेली जानी है, इसमें भी संजू सैमसन का नाम कहीं नहीं है.
Source : Pankaj Mishra