भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज और द वॉल के नाम से प्रसिद्द राहुल द्रविड़ का आज 45वां जन्मदिन है। द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी 1973 को इंदौर में हुआ था।
द्रविड़ का जन्म तो इंदौर में हुआ लेकिन पढ़ाई लिखाई कर्नाटक में हुई। सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से एमबीए करने के दौरान ही उनका सिलेक्शन नेशनल क्रिकेट टीम में हो गया था।
अपने डेब्यू वन-डे मैच में द्रविड़ कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। उन्होंने 3 अप्रैल 1996 को श्रीलंका के खिलाफ सिंगर कप में डेब्यू किया था। इस मैच में उन्होंने कुल 3 रन बनाए थे। हालांकि, अगले मैच में भी उनका प्रदर्शन खराब ही रहा और पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने कुल 4 रन बनाए थे।
ऑस्ट्रलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने राहुल द्रविड़ के बारे में कहा था, 'मैच के शुरुआती 15 मिनट में आप उस खिलाड़ी का विकेट लेने की कोशिश करो, यदि नहीं ले पाए तो बाकी 10 खिलाड़ियों को आउट करो।'
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द्रविड़ का डिफेंस इतना मजबूत था कि उनके विकेट को हासिल करना दुनिया के तमाम मशहूर गेंदबाजों की चाहत हुआ करती थी। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए द्रविड़ ने टेस्ट और वन-डे, दोनों में ऐसी पारियां खेलीं, जो उनके करियर के लिहाज से मील का पत्थर साबित हुई।
उन्होंने साल 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ रावलपिंडी में खेली गई 270 रन की शानदार पारी खेली और साल 2003 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में उन्होंने 233 रन की बेहतरीन पारी खेली। इन दोनों टेस्ट में टीम इंडिया को जीत दिलाने में द्रविड़ के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
राहुल द्रविड़ के लिए एक बार नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि यदि टीम के लिए उसे टूटे कांच पर भी चलने को कहा जाएगा तो वह मना नहीं करेगा। राहुल द्रविड़ ने कई मौकों पर टीम इंडिया को मुश्किलों से ऊबारा है।
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Source : News Nation Bureau