क्रिकेट के भगवान यानि सचिन तेंदुलकर का आज 47वां जन्मदिन है. हालांकि, वे कोरोना वायरस की वजह से अपना जन्मदिन नहीं मना रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक ठोकने वाले सचिन तेंदुलकर ने इस खास मौके पर लॉकडाउन का पालन करते हुए परिवार के साथ घर पर ही रहने का फैसला किया. सचिन के 47वें जन्म दिन पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर विश्व कप जीतने पर सचिन के विचार साझा किए हैं.
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विश्व कप 2011 जीतना सचिन तेंदुलकर के बचपन के सपने के सच होने की कहानी थी. महेंद्र सिंह धोनी ने 2 अप्रैल, 2011 को एक शानदार सिक्स जड़कर भारत को 28 साल बाद विश्व विजेता बनाया था. उस ऐतिहासिक पल, सचिन ड्रेसिंग रूम में थे और दौड़ते हुए उसी वानखेड़े स्टेडियम के बीचों-बीच आ गए जहां वह बचपन से खेलते आ रहे थे. टीम इंडिया के साथी खिलाड़ियों ने सचिन को अपने कंधों पर उठाकर पूरे स्टेडिम का चक्कर काटा और उस वक्त पूरा मुंबई सचिन-सचिन के नारों से गूंज गया था.
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सचिन ने भारत के लिए कुल 6 विश्व कप खेले हैं. उन्होंने अपने आखिरी और छठे विश्व कप की यादों को ताजा करते हुए कहा, "मैंने टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए थे और मेरा योगदान काम आया. अंत में मायने यह बात रखती थी कि विश्व कप ट्रॉफी हमारे ड्रेसिंग रूम में हो. यह मेरे जीवन के सबसे सुंदर पलों में से एक था. मेरे जीवन में इससे बड़ा कोई दूसरा पल नहीं हो सकता. विजेता के तौर पर मैदान का चक्कर लगाना वो शानदार एहसास था. मेरे जीवन में क्रिकेट का सबसे यादगार पल वही था."
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सचिन ने कहा, "हां पहली बार जब मैंने भारतीय टीम की कैप पहनी थी तब मैं काफी उत्साहित था. लेकिन, 2011 का कोई सानी नहीं है. पूरा देश जश्न मना रहा था. आप बहुत कम ही ऐसे मौके देखते होंगे जब पूरा देश एक साथ जश्न मना रहा होता है." भारतीय क्रिकेट में सचिन के योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें साल 2014 देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया था. सचिन तेंदुलकर, भारत रत्न से सम्मानित होने वाले देश के इकलौते खिलाड़ी हैं.
Source : News Nation Bureau