भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बाएं हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से कहा है कि वह फिरोजशाह कोटला स्टेडियम के स्टैंड पर से उनका नाम हटा दे. दो साल पहले ही कोटला स्टेडियम में एक स्टैंड का नाम बेदी के नाम पर रखा गया था. बिशन सिंह बेदी ने 70 के दशक में दिल्ली को दो बार रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाया है. उन्होंने साथ ही डीडीसीए की सदस्यता छोड़ने का भी फैसला किया है.
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अब करीब 74 साल के हो चुके बिशन सिंह बेदी ने डीडीसीए के मौजूदा अध्यक्ष रोहन जेटली को मंगलवार रात को पत्र लिखते हुए कहा है, मुझे अपने आप पर गर्व है कि मैं काफी सहनशील और धैर्यवान हूं, लेकिन डीडीसीए जिस तरह से चल रही है उसने मेरी परीक्षा ली है और इसी ने मुझे यह फैसला लेने को मजबूर किया है. इसलिए अध्यक्ष महोदय मैं आपसे अपील करता हूं कि आप मेरा नाम स्टैंड पर से तत्काल प्रभाव से हटा दें. साथ ही मैं अपनी डीडीसीए की सदस्यता त्याग रहा हूं. मैंने यह फैसला जानबूझ कर लिया है.
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कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम कर दिया गया है. बिशन सिंह बेदी, रोहन की अध्यक्षता में डीडीसीए के काम से खुश नहीं हैं. रोहन डीडीसीए के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री दिवंगत अरुण जेटली के बेटे हैं. अरुण के खिलाफ बेदी ने 1999 में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था. संभवत: एक और कारण 2020-21 सीजन में दिल्ली की सीनियर चयन समिति का चयन भी हो सकता है. 60 साल की आयुसीमा के नियम ने दिल्ली और भारत के पूर्व खिलाड़ी कीर्ति आजाद को चयनकर्ता बनने की दौड़ से बाहर कर दिया. 61 साल के आजाद बेदी के काफी करीबी माने जाते हैं.
Source : IANS