कोरोना वायरस महामारी से उबरने के बाद क्रिकेट की कल्पना करते हुए भारतीय टेस्ट टीम के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे ने बुधवार को कहा कि अब जब भी मैदान में वापसी होगी तो विकेट का जश्न मनाने के लिये खिलाड़ियों को नमस्ते और ‘हाई-फाइव’ (दूर से ही हाथ उठा कर दिखाना) का इस्तेमाल करना होगा. रहाणे ने ‘एल्सा (इंग्लिश लैंग्वेज स्पीच अस्सिटेंस) एप’ के ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोविड-19 के कारण आम जीवन शैली के साथ क्रिकेट का मैदान भी बदलाव से अछूता नहीं रहेगा.
रहाणे ने कहा, ‘‘ मैदान में खिलाड़ियों को और ज्यादा अनुशासित रहना होगा. सामाजिक दूरी का ध्यान रखना होगा. विकेट गिरने के बाद हमें जश्न के लिए शायद नमस्ते का सहारा लेना पड़े. हम किसी भी चीज को हलके में नहीं ले सकते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘विकेट गिरने पर हमें पुराने तरीके से जश्न मनाना होगा जहां हम अपनी जगह खड़े रह कर ताली बजाते हुए खुशी का इजहार करेगे. शायद हम नमस्ते या शायद सिर्फ ‘हाई फाइव’ करें.’’
ये भी पढ़ें- दक्षिण कोरिया में शुक्रवार से शुरू होगा फुटबॉल सत्र, जश्न मनाने को लेकर बनाए गए कड़े नियम
खेल मंत्रालय ओलंपिक खेलों के लिए राष्ट्रीय शिविरों को फिर से शुरू करने की योजना बना रहा है, लेकिन बीसीसीआई ने अभी तक ऐसी कोई योजना नहीं बनायी है. रहाणे ने कहा कि लॉकडाउन के बीच वह अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहे हैं. खिलाड़ी के तौर पर मैदान में उतरने से पहले की चुनौती के बारे में पूछे जाने पर इस बल्लेबाज ने कहा कि इसके लिए कम से कम तीन से चार सप्ताह के कड़े अभ्यास की जरूरत होगी.
देश के लिए 65 टेस्ट, 90 एकदिवसीय और 20 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले इस खिलाड़ी कहा, ‘‘ मुझे लगता है किसी भी मैच (घरेलू या अंतरराष्ट्रीय) को खेलने से पहले किसी भी क्रिकेटर को मैदान और नेट पर तीन-चार सप्ताह या एक महीना चाहिए होग का अभ्यास चाहिए होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अभी घर पर अभ्यास कर अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहा हूं. मैं फिटनेस के लिए कसरत, योग-ध्यान और कराटे का सहारा ले रहा हूं. मुझे ट्रेनर से इससे संबंध में कार्यक्रम मिला है. मैं इसी के मुताबिक काम कर रहा हूं.’’
ये भी पढ़ें- क्रिकेट समाचार IPL में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले टॉप-5 बल्लेबाज, लिस्ट में विराट कोहली हैं एकमात्र भारतीय बल्लेबाज
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे अपनी बल्लेबाजी की कमी महसूस हो रही लेकिन जाहिर है क्रिकेट तभी शुरू होना चाहिए जब चीजें नियंत्रित हो.’ गेंद पर लार और पसीने के इस्तेमाल को रोकने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि इस मामले पर आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) और दूसरे क्रिकेट बोर्ड क्या फैसला लेंगे. व्यक्तिगत तौर पर मैं इस कोविड-19 के दौर को खत्म होना का इंतजार करूंगा. जब क्रिकेट शुरू होगा तब हम सबको पता चल जाएगा क्या नियम होगा’’
टेस्ट में 11 शतक की मदद से 4203 रन बनाने वाले दायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में उनका सामना करना चुनौतीपूर्ण होता है लेकिन अभी सब का स्वास्थ्य जरूरी है. भारतीय टेस्ट उपकप्तान ने कहा, ‘‘ ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलिया का सामना करना हमेशा मुश्किल रहा है . वे शानदार टीम है. लेकिन अभी मैं क्रिकेट के बारे में नहीं सोच रहा हूं. सबका स्वास्थ्य जरूरी है. जब चीजें ठीक होंगी तो इस बारें सरकार , क्रिकेट बोर्ड और आईसीसी फैसला लेंगे.’’
ये भी पढ़ें- IPL में किसके पास हैं सबसे ज्यादा Purple Cap, यहां देखें 5 गेंदबाजों की लिस्ट
एल्सा के ब्रंड दूत बनने के मौके पर रहाणे ने कहा कि क्रिकेट के शुरूआती दिनों में उन्हें अंग्रेजी बोलने में काफी परेशानी होती थी लेकिन समय के साथ वह इसके अभ्यस्त हो गये. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे शुरुआत में इंग्लैंड की काउंटी टीमों का नाम लेने में परेशानी होती थी . मुझे अपना पहला ‘मैन ऑफ द मैच’ पुरस्कार याद है. मोहली में इंग्लैंड से जीतने के बाद मुझे हर्षा भोगले से बात करने में काफी परेशानी हुई थी. इसके बात मैंने तय किया कि इसे अच्छे से सीखना जरूरी है.’’
रहाणे ने 2011 में खेले गये इस मैच में 104 गेंद में 91 रन बनाये थे जिससे भारतीय टीम ने 298 रन के लक्ष्य को चार गेंद शेष रहते हुए पांच विकेट के नुकसान पर हासिल किया था. टीम ने पांच मैचों की श्रृंखला में टीम ने 3-0 की अजेय बढ़त हासिल की थी. रहाणे से जब पूछा गया कि वह भारतीय टीम में किस खिलाड़ी को इस ऐप का सहारा लेने के लिए कहेंगे तो उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘‘ मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहूंगा, मुझे आउट स्विंगर और इनस्विंगर से बचना आता है.’’
Source : Bhasha