चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत के खिलाफ 114 रनों की पारी खेलकर सनसनी मचाने वाले फखर जमान ने मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने के बाद खुलासा किया है वह रविवार को पहली बार ऐसा महसूस कर रहे थे कि वे कोई इंटरनेशनल मैच खेल रहे हैं।
जमान के मुताबिक मैच से एक दिन पहले वह थोड़े बीमार थे और उन्हें ऐसा लग रहा था कि प्लेइंग-11 में जगह हासिल नहीं कर पाएंगे।
लेकिन इन बातों से इतर एक दिलचस्प बात ये भी है कि फखर कभी पाकिस्तान नेवी का हिस्सा हुआ करते थे। लेकिन क्रिकेट के लिए उनके जुनून और प्यार ने वापस उन्हें इस खेल की ओर मोड़ दिया।
फखर का क्रिकेट से इतना जुड़ाव था कि उनके घरवाले और खासकर पिता उनसे काफी परेशान रहते थे। आलम ये हुआ कि जब 10वीं के बाद फखर नेवी से जुड़े तो उनके परिवार वालों ने राहत की सांस ली।
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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक फखर 12 जनवरी, 2007 को पाकिस्तान नेवी से जुड़े थे। लेकिन नेवी की नौकरी उन्हें ज्यादा दिनों तक क्रिकेट से दूर नहीं रख सकी। हालांकि, इस बीच उन्होंने नेवी की ट्रेनिंग जरूर पूरी की।
पाकिस्तान नेवी स्कूल बहादुर में उनकी असल प्रतिभा को वहीं के कोच आजम खान ने पहचाना। उन्होंने अपने ऊपर के अफसरों और नेवी हेडक्वॉर्टर को यह बताने में जरा भी देरी नहीं लगाई कि जमान नेवी के नाव से बेहतर देश के लिए बैटिंग करते हुए बड़ा काम कर सकते हैं। इसके बाद से जमान ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
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जमान का नेवी से ही यह जुड़ाव है कि उन्हें टीम में दूसरे खिलाड़ी फौजी के नाम से बुलाते हैं।
बता दें कि जमान ने चैम्पियंस ट्रॉफी से अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की है। भारत के खिलाफ वह पहला मैच नहीं खेले थे। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे मैच में अहमद शहजाद को हटाकर जमान को मौका दिया गया।
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Source : News Nation Bureau