महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और वीवीएस लक्ष्मण हितों के टकराव के कथित मामले में निजी तौर सुनवाई के लिए बीसीसीआई (BCCI) के लोकपाल सह नैतिक अधिकारी न्यायमूर्ति डीके जैन के समक्ष 14 मई को यहां पेश होंगे. पता चला है कि इस मामले में शिकायतकर्ता मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के संजीव गुप्ता और बीसीसीआई (BCCI) के सीईओ राहुल जौहरी को भी न्यायमूर्ति जैन ने गवाही के लिए बुलाया है.
गुप्ता ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और लक्ष्मण पर हितों के टकराव का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन इन दोनों ही क्रिकेटरों ने किसी भी तरह के हितों के टकराव से इनकार किया है.
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गुप्ता का आरोप है कि ये दोनों क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य हैं जबकि इसके अलावा सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) मुंबई इंडियंस के आइकन और लक्ष्मण सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटॉर के रूप में दोहरी भूमिका निभा रहे हैं.
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और वीवीएस लक्ष्मण को मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के सदस्य संजीव गुप्ता द्वारा दायर की गई शिकायत पर नोटिस भेजा गया था.
शिकायत के मुताबिक लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने आईपीएल (IPL) फ्रैंचाइजी टीमों क्रमश: सनराइजर्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस के ‘सहायक सदस्य’ और बीसीसीआई (BCCI) के क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य के रूप में दोहरी भूमिका निभाई जिसे कथित हितों के टकराव का मामला बताया गया था.
अपने जवाब में सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने लिखा था, ‘सबसे पहले, नोटिस प्राप्तकर्ता (सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)) सभी शिकायतों को खारिज करता है (बयानों को छोड़कर जो विशेष रूप से यहां स्वीकार किए जाते हैं).’
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उन्होंने कहा, ‘नोटिस प्राप्तकर्ता (सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar)) ने संन्यास के बाद से मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) आईपीएल (IPL) फ्रैंचाइजी से टीम ‘आईकॉन’ की क्षमता में कोई भी विशेष आर्थिक लाभ/फायदा नहीं लिया है और वह किसी भी भूमिका में फ्रैंचाइजी के लिए कार्यरत नहीं है. इसलिए बीसीसीआई (BCCI) के नियमों के तहत या अन्यथा, यहां हितों का कोई टकराव नहीं हुआ है.’
Source : News Nation Bureau