दुनिया को क्रिकेट के खेल की सौगात देने वाले देश इंग्लैंड (England) के लिए सीमित ओवरों के विश्व कप का सूखा शायद इस बार खत्म हो सकता है. इंग्लैंड (England) में आयोजित होने वाले विश्व कप में अब जब 100 दिन का समय बचा है तो घरेलू हालात और बेहतरीन फार्म में चल रही इंग्लैंड (England) टीम को देखते हुए ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि शायद इस बार यह इंतजार खत्म हो सकता है. इंग्लैंड (England) की टीम ने 1975 से शुरू हुए प्रत्येक विश्व कप में हिस्सा लिया है, लेकिन टीम कभी खिताब नहीं जीत पाई है. टीम हालांकि 1979, 1987 और 1992 में उपविजेता रही है.
इंग्लैंड (England) के लिए टेस्ट क्रिकेट लंबे समय से प्राथमिकता रहा है, फिर चाहे ये उनके खिलाड़ी हों, प्रशंसक या फिर प्रशासक. हालांकि ऑस्ट्रेलिया (Australia) और न्यूजीलैंड में 2015 विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ हार के बाद टीम के ग्रुप चरण से बाहर होने पर इसमें बदलाव आया है.
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इंग्लैंड (England) एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख एंड्रयू स्ट्रॉस ने कहा है कि सफेद गेंद का क्रिकेट भी उनके लिए उतना ही महत्वपूर्ण है. स्ट्रास ने टीम को सीमित ओवरों में मजबूत बनाने की कवायद में मुख्य कोच पीटर मूर्स को बर्खास्त करके ऑस्ट्रेलिया (Australia) के ट्रेवर बेलिस को नियुक्त किया.
इसके बाद से इंग्लैंड (England) की सीमित ओवरों की टीम का भाग्य ही बदल गया और टीम ने दो बार एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों में सर्वोच्च स्कोर का रिकॉर्ड बनाया.
टीम ने पहले 2016 में ट्रेंट ब्रिज में पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ तीन विकेट पर 444 रन बनाए और फिर पिछले साल इसी मैदान पर छह विकेट पर 481 रन का स्कोर खड़ा किया.
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आयरलैंड के पूर्व बल्लेबाज इयोन मोर्गन की अगुआई वाली इंग्लैंड (England) की टीम एकदिवसीय रैंकिंग में शीर्ष पर चल रही है और इसमें टेस्ट कप्तान जो रूट के अलावा जेसन राय, एलेक्स हेल्स और जोस बटलकर जैसे आक्रमक बल्लेबाज शामिल हैं.
Source : News Nation Bureau