भारत के सबसे बेहतरीन ओपनर्स में से एक गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद के भविष्य को लेकर उन्होंने अभी तक कुछ भी नहीं सोचा है. साल 2011 और 2007 में भारत को विश्व विजेता बनाने में अपनी अहम पारी से योगदान देने वाले गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की थी. गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) अपने करियर का आखिरी मैच रणजी ट्रॉफी में आज से शुरू हो रहे आंध्र प्रदेश के खिलाफ फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेलेंगे.
इस दौरान गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने एक हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स से खास बातचीत करते हुए कई मामलों पर खुलकर अपनी राय रखी.
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने कहा कि उनका मानना है कि उन्हें 2015 वर्ल्ड कप में मौका मिलना चाहिए था. हालांकि उन्होंने इस बात को साफ किया कि उनके पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ कोई भी विवाद नहीं है.
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उन्होंने कहा, 'मेरे साथ खेलने वाले कई खिलाड़ियो को दो-तीन 50 ओवर वर्ल्ड कप में मौके मिले. मुझे केवल एक बार मौका मिला और मुझे इस बात की खुशी है कि मैं विश्व विजेता टीम का सदस्य बना. अगर आप इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करने में योगदान देते हैं तो आपको अपना खिताब बचाने का एक मौका मिलना चाहिए. मुझे 2015 वर्ल्ड कप में मौका नहीं मिला और उसका मुझे अफसोस है.'
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने अखबार से बातचीत करते हुए कहा, 'अगर आपकी विचारधारा किसी के साथ मेल खाती है और आपको काम करने की आजादी मिलती है तो राजनीति में जाने के बारे में सोचा जा सकता है. राजनीति सिर्फ इसलिए जॉइन नहीं कर सकते कि आपको पावर चाहिए. अगर आपका मकसद लोगों की सेवा करना और उनकी जिंदगियां बदलना है तो राजनीति में आना चाहिए. अगर चीजों को ठीक करने का मौका मिलता है तो राजनीति में आना चाहिए. सिर्फ रबर स्टांप बनने के लिए पॉलिटिक्स नहीं कर सकता.'
उन्होंने फेयरवेल मैच को लेकर कहा, 'मुझे नहीं लगता कि किसी क्रिकेटर के लिए फेयरवेल मैच आयोजित किया जाना चाहिए.'
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पूर्व क्रिकेटर और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने पर गंभीर ने कहा, 'मुझे लगता है कि उन्हें पाकिस्तान नहीं जाना चाहिए था. किसी को देश के लोगों की भावनाओं के साथ नहीं खेलना चाहिए.'
उन्होंने साथ ही उम्मीद जताई कि पाकिस्तान के क्रिकेटर पीएम के साथ हालात बदलने चाहिए लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि अगर कोई अच्छा क्रिकेटर हो तो वह बेहतर प्रधानमंत्री भी बन सकता है.
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उन्होंने कहा, 'जनता के भरोसे और भरपूर समर्थन के साथ दिल्ली सरकार को बेहतर करना चाहिए था लेकिन वह लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सकी.'
Source : News Nation Bureau