स्पॉट फिक्सिंग मामले में अपना आजीवन प्रतिबंध हटवाने की कोशिशों में जुटे पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर दानेश कनेरिया ने उमर अकमल का निलंबन आधा करने के पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के फैसले को उसके दोहरे मानदंडों का सबूत बताया. अकमल पर सटोरियों के संपर्क की जानकारी नहीं देने के कारण निलंबन लगाया गया था. कनेरिया की तरह स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाये गए मोहम्मद आमिर, मोहम्मद आसिफ और सलमान बट को वापसी का मौका मिल गया. आमिर तो पाकिस्तानी टीम के नियमित सदस्य हैं.
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कनेरिया ने पीटीआई से कहा, ‘‘आप इसे भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस नीति कहते हैं. उमर दोषी साबित हुआ था लेकिन उसका प्रतिबंध आधा कर दिया गया. आमिर, आसिफ, सलमान को भी वापसी का मौका मिला, मुझे क्यो नहीं. मेरे मामले में ऐसी उदारता क्यो नहीं दिखाई गई. वे कहते हैं कि मैं अपने मजहब (हिंदू) की बात करता हूं लेकिन जब पक्षपात सामने दिखता है तो मैं कहा कहूं.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘उमर अपने कैरियर में अधिकांश समय विवादों से घिरा रहा है. उसके लिये हमदर्दी है तो मेरे लिये क्यो नहीं. क्या उसने ऐसा करने के लिये किसी को रिश्वत दी थी.’’ कनेरिया ने कहा, ‘‘वे कहते हैं कि मैं धर्म का कार्ड खेलता हूं. आप मुझे बताइये कि मेरे बाद कौन सा हिंदू क्रिकेटर पाकिस्तान के लिये खेला है. उन्हें इतने साल में एक भी हिंदू खिलाड़ी खेलने लायक नहीं लगा. यह विश्वास करना मुश्किल है.’’
Source : Bhasha