देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस (74th Independence Day) के दिन भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. माही अब आपको हवा में हेलिकॉप्टर शॉट उड़ाते हुए इंटरनेशनल मैचों में नहीं दिखाई देंगे. माही अभी भी वो आईपीएल टूर्नामेंट (IPL Tournament) में खेलते हुए दिखाई देंगे. उनके फैंस अभी भी उन्हें आईपीएल में खेलते हुए देख सकते हैं. ऐसे में धोनी बहुत सी कहानियां अपने पीछे छोड़कर जा रहे हैं जो कि अब ऐतिहासिक हैं ऐसा ही एक वाक्या आपको बताते हैं जब धोनी सचिन तेंदुलकर के साथ बल्लेबाजी कर रहे थे और वो लगातार छक्के-चौके लगा रहे थे लेकिन फिर भी उनके हर एक बाउंड्री पर दर्शकों को निराशा ही हो रही थी. धोनी ने इस मुकाबले में 35 गेंदों पर 68 रनों की विस्फोटक पारी खेली थी, जिसकी बदौलत टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका जैसे सशक्त आक्रमण के सामने 401 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था.
जी हां ये बात पूरी तरह से सही है और ये मामला है साल 2010 का जब दक्षिण अफ्रीकी टीम भारत के दौरे पर आई थी. 3 वनडे मैचों की सीरीज थी पहला मुकाबला भारत जीत चुका था, दूसरा मुकाबला 24 फरवरी 2010 को मध्य प्रदेश के इंदौर स्टेडियम में खेला जाना था कप्तान धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. आपको बता दें कि ये वही ऐतिहासिक मैच था जिसमें क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने एक दिवसीय क्रिकेट में पहला दोहरा शतक लगाया था.
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सचिन को स्ट्राइक नहीं मिलने से दर्शकों में छाई थी निराशा
इस मुकाबले में जब सचिन तेंदुलकर 48वें ओवर की पहली गेंद पर एक सिंगल के साथ 199 के व्यक्तिगत स्कोर पर पहुंच चुके थे तब उनके सामने बल्लेबाजी कर रहे धोनी गेंद को लगातार सीमारेखा के बाहर पहुंचाने में व्यस्त थे. वो सचिन को स्ट्राइक नहीं दे रहे थे वो लगातार छक्के और चौके ही लगा रहे थे. इस दौरान दर्शकों में धोनी को लेकर नाराजगी तक दिखाई दी धोनी इतनी तेजी से रन बना रहे थे कि महज 29 गेंदों में ही 2 चौकों और तीन छक्कों के साथ अर्द्धशतक भी पूरा कर लिया.
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2962 वनडे इंटरनेशनल मैचों के बाद लगा था दोहरा शतक
आपको बता दें कि साल 2010 में सचिन तेंदुलकर के वनडे मैचों में पहले दोहरे शतक लगने तक एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों को शुरू हुए 39 साल बीत चुके थे, जबकि 2962 वनडे इंटरनेशनल मैच भी खेले जा चुके थे, लेकिन क्रिकेट के पुरुष वनडे फॉर्मेट में कभी दोहरा शतक नहीं लगा था. इस मैच से पहले क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले खुद सचिन तेंदुलकर 300 से ज्यादा वनडे मैच खेल चुके थे, लेकिन कभी 200 रन के व्यक्तिगत स्कोर के आसपास नहीं पहुंचे थे. सचिन तेंदुलकर से पहले कई बल्लेबाज एकदिवसीय मैचों में 200 रन के आंकड़े के करीब जरूर पहुंचे, लेकिन कोई भी बल्लेबाज उस जादुई आंकड़े को छू नहीं पाया था. वहीं, जब सचिन ने वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक लगाया तो फिर ये सिलसिला शुरू हो गया और दोहरे शतक ODI में लगने लगे.
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महिला क्रिकेटर ने लगाया था पहला दोहरा शतक
आपको जानकर हैरानी होगी कि वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में दोहरा शतक पहले भी लग चुका था, जो कि ऑस्ट्रेलियाई की एक महिला क्रिकेटर ने ठोका था। साल 1997 में महिला वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में पहला दोहरा शतक लगा था, लेकिन 2010 में करीब 13 साल के बाद पुरुष वनडे क्रिकेट में पहला दोहरा शतक देखने को मिला। कंगारू टीम की महिला खिलाड़ी बेलिंडा क्लार्क ने डेनमार्क की महिला टीम के खिलाफ 229 रन की पारी वनडे मैच में खेली थी।
Source : News Nation Bureau