भारतीय क्रिकेट टीम पिछले एक दशक से टेस्ट क्रिकेट में अपना दर्जा काफी ऊंचा किया. वर्षों तक टेस्ट क्रिकेट में अब्बल स्थान पर भी रहे हैं. इसी साल वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनट्रॉफी के फाइनल तक का सफर तय किया. हलांकि फाइनल में भारतीय टीम को निराशा हाथ लगी. टेस्ट क्रिकेट में भारत को इतना आगे ले जाने में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और मौजूदा कप्तान विराट कोहली का अहम योगदान रहा है. लेकिन इसका श्रेय दोनों कप्तानों के अलावे टीम के उन खिलाड़ियों को भी जाता है जिनकी बदौलत से भारत ने एक के बाद एक टेस्ट सीरीज जीतकर कई उपलब्धियां हासिल की हैं. विराट कोहली की अगुवाई में टीम से कई ऐसे खिलाड़ी गायब हैं जो कभी धोनी के कप्तानी में अहम हिस्सा हुआ करते थे. आएइ जानते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में.
भुवनेश्वर कुमार
गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने में महारथ हासिल रखने वाले भुवनेश्वर कुमार ने अपने टेस्ट करियर की शुरूआत महेन्द्र सिंह धोनी की कप्तानी में की थी. उस समय तीनों फॉर्मटों का कमान धोनी के पास ही था. भूवी देखते ही देखते धोनी के विश्वसनीय खिलाड़ियों में शामिल हो गए. उन्हें खुद को स्थापित करने के लिए कप्तान धोनी ने भी खूब मौके दिए. जब तक धोनी के हाथों में कप्तानी रही भुवनेश्वर नियमित खिलाड़ी के तौर पर ही टेस्ट खेलते रहे. टेस्ट क्रिकेट से धोनी के सन्यास के बाद भुवनेश्वर कुछ समय तक तो टेस्ट में नियमित खिलाड़ी के तौर पर खेले लेकिन कभी चोट तो कभी खराब प्रदर्शन की वजह से टीम में आते-जाते रहे. भुवनेश्वर पिछले दो तीन-सालों से एक भी टेस्ट नहीं खेले हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अंतिम टेस्ट साल 2018 में खेला था. यानि ये कहा जाए कि उनको नजरअंदाज किया जा रहा है तो कोई गलत नहीं होगा. हलांकि भुवनेश्वर कुमार वनडे और टी-20 में नजर आते हैं.
शिखर धवन
क्रिकेट जगत में गब्बर के नाम से मशहूर सलामी बल्लेबाज शिखर धवन क्रिकेट के तीनों फॉर्मेटों में अपनी अलग पहचान बनाई है. टेस्ट मैच हो या वनडे या फिर टी-20 गब्बर का बल्ला हर जगह गरजा है. धवन पूर्व कप्तान धोनी के विश्वसनीय खिलाड़ियों में से एक रहे हैं. हलांकि धोनी के बाद विराट कोहली की कप्तानी में धवन टेस्ट में अपनी जगह लगभग गवां दी हैं. पिछले तीन सालों से वो एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला है. जबकि पहले वो बतौर ओपनर बल्लेबाज टेस्ट में खेल चुके हैं. वनडे और टी-20 में शिखर धवन का शानदार रिकॉर्ड भी हैं. इस लिहाज से ये कहा जाए कि टेस्ट क्रिकेट में धवन की क्षमता को नजरअंदाज किया जा रहा है तो कोई गलत नहीं होगा.
वरुण आरोन
वरुण आरोन ने करियर के शुरुआती दौर में जबरजस्त प्रदर्शन किया. वो टेस्ट में नियमित खिलाड़ी के तौर पर खेलने लगे थे. आरोन कई गेंदबाजों के विकल्प के रुप में भी देखा जाता था. लेकिन अचानक से वरुण आरोन क्रिकेट से गायब हो गए. वो पिछले 6 सालों से भारतीय टेस्ट टीम में अपनी जगह बनाने की तलाश कर रहे हैं. साल 2015 के बाद से उन्हें भारतीय टेस्ट टीम के लिए में एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. वरुण आरोन टेस्ट के अलावे वनडे और टी-20 खेल से भी काफी दूर हैं. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि टीम के चयनकर्ता इस गेंदबाज की क्षमता को नजरअंदाज कर रहे हैं.
Source : Sports Desk