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शर्मनाक : 19 दिसंबर का दिन भारतीय क्रिकेट से डिलीट कर देना चाहिए,  मोबाइल नंबर सा स्कोर बोर्ड

भारतीय क्रिकेट के लिए शनिवार का दिन शर्मसार करने वाला रहा, जब उसकी टीम ने टेस्ट मैचों में अपना न्यूनतम स्कोर 36 रन बनाया और ऑस्ट्रेलिया ने दूधिया रोशनी में खेला जा रहा पहला टेस्ट क्रिकेट मैच तीसरे दिन ही आठ विकेट से जीतकर 1-0 से बढ़त हासिल की.

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Pankaj Mishra
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Australia Josh Hazlewood celebrates fall of a wicket on Day 2 of the second test

Australia Josh Hazlewood celebrates fall of a wicket on Day 2 of the s( Photo Credit : ians)

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भारतीय क्रिकेट के लिए शनिवार का दिन शर्मसार करने वाला रहा, जब उसकी टीम ने टेस्ट मैचों में अपना न्यूनतम स्कोर 36 रन बनाया और ऑस्ट्रेलिया ने दूधिया रोशनी में खेला जा रहा पहला टेस्ट क्रिकेट मैच तीसरे दिन ही आठ विकेट से जीतकर चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल की. पिच में कोई खराबी नहीं थी, लेकिन जोश हेजलवुड ने पांच ओवर में आठ रन देकर पांच विकेट हासिल किए. वहीं उनके जोड़ीदार तेज गेंदबाज पैट कमिन्स ने भी 10.2 ओवर में 21 रन देकर चार विकेट अपने नाम किए.  इन दोनों ने अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से भारतीय पारी को तहस नहस कर दिया. 

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भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी में जब नौ विकेट पर 36 रन बनाए थे तब मोहम्मद शमी को चोटिल होने के कारण क्रीज छोड़नी पड़ी, जिससे पारी वहीं पर समाप्त हो गई. भारत का यह 88 साल के टेस्ट इतिहास में न्यूनतम स्कोर है. भारत को पहली पारी में 55 रन की बढ़त मिली थी और इस तरह से आस्ट्रेलिया को जीत के लिए 90 रन का लक्ष्य मिला. मोहम्मद शमी चोटिल होने के कारण गेंदबाजी नहीं कर पाए और आस्ट्रेलिया ने आसानी से 21 ओवर में दो विकेट पर 93 रन बनाकर दिन रात टेस्ट मैचों में अपना शानदार रिकार्ड बरकरार रखा. भारत का इससे पहले न्यूनतम स्कोर 42 रन था जो उसने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में बनाया था. टेस्ट क्रिकेट में न्यूनतम स्कोर का रिकार्ड न्यूजीलैंड के नाम पर है जिसने 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ आकलैंड में 26 रन बनाए थे. 

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विराट कोहली की टीम का स्कोर टेस्ट क्रिकेट में संयुक्त पांचवां न्यूनतम स्कोर है. भारत की परेशानी यहीं पर समाप्त नहीं हुई. तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की कलाई पर चोट लग गयी है और वह सीरीज से बाहर हो सकते हैं. पैट कमिन्स की उठती हुई गेंद उनकी कलाई पर लगी जिसके बाद उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा. इस तरह से भारतीय पारी 21.2 ओवर में समाप्त हो गई. मोहम्मद शमी की कमी भारत को गेंदबाजी में खली. आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने जहां अपनी तेजी और अतिरिक्त उछाल से बल्लेबाजों को परेशान किया वहीं भारतीय गेंदबाज पहली पारी की तरह आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर विशेष प्रभाव नहीं छोड़ पाए.  

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ऑस्ट्रेलिया ने भारत के 244 रन के जवाब में अपनी पहली पारी में 191 रन बनाए थे. आस्ट्रेलिया के लिये सलामी बल्लेबाज जो बर्न्स (नाबाद 51) का फार्म में लौटना एक और अच्छी खबर रही जिन्होंने मैथ्यू वेड (33) के साथ पहले विकेट के लिए 70 रन जोड़े. मैथ्यू वेड रन आउट हुए जबकि रविचंद्रन अश्विन ने मार्नस लाबुशेन (छह) को मिडविकेट पर कैच कराया लेकिन इससे हार का अंतर ही कुछ कम हुआ. भारतीय टीम के 1974 के प्रदर्शन का बोझ सुनील गावस्कर और अजित वाडेकर जैसे दिग्गज ढोते रहे हैं लेकिन अब इसकी जगह एडीलेड के प्रदर्शन ने ली है. सुनील गावस्कर की तरह वर्तमान क्रिकेट के दिग्गज विराट कोहली भी यह दिन भूलना चाहेंगे. एक समय भारत का स्कोर आठ विकेट पर 26 रन था और वह टेस्ट क्रिकेट के न्यूनतम स्कोर की बराबरी करने की स्थिति में दिख रहा था लेकिन हनुमा विहारी (आठ) के चौके से टीम क्रिकेट इतिहास के सबसे खराब रिकार्ड की बराबरी करने से बच गई. आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों की अतिरिक्त उछाल वाली गेंदों के सामने भारतीय बल्लेबाजी की कमजोरी खुलकर सामने आ गई. गेंदबाजों ने गेंद की सीम का अच्छा इस्तेमाल किया. तेज और उछाल भरी गेंदों के सामने भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. भारत का कोई भी बल्लेबाज दोहरे अंक में नहीं पहुंच पाया. 

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नाइटवाचमैन जसप्रीत बुमराह ने दो रन बनाकर आउट हो गए. उनके आउट होने के बाद हेजलवुड और कमिन्स ने भारत की मजबूत कहे जाने वाली बल्लेबाजी का दंभ निकालने में कसर नहीं छोड़ी. मयंक अग्रवाल (नौ), चेतेश्वर पुजारा (शून्य) और अजिंक्य रहाणे (शून्य) तीनों ने एक ही तरह से अपने विकेट गंवाये. इन तीनों के लिये गेंद कोण लेकर आई जिसमें थोड़ी उछाल थी और जो बल्ले को चूमकर विकेटकीपर टिम पेन के दस्तानों में सम गई. कप्तान विराट कोहली (चार) ने आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद को ड्राइव करने की कोशिश में गली में कैच दिया. इंग्लैंड में 2014 में वह इस तरह से आउट हुए थे. ऋद्धिमान साहा (चार) और अश्विन (शून्य) के आउट होने से स्कोर आठ विकेट पर 26 रन हो गया. विहारी भी विकेट के पीछे कैच देने से दोहरे अंक में नहीं पहुंच पाए. इस तरह से भारतीय टीम का स्कोर कार्ड 4, 9, 2, 0, 4, 0, 8, 4, 0, 4 और 1 रहा जो टीम को वर्षों तक सालता रहेगा.

Source : Bhasha

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