एक बार फिर से भारतीय क्रिकेट फैंस का दिल टूट गया. एसीसी इमर्जिंग एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया. फाइनल मुकाबला कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में खेला गया था, जहां पाकिस्तान ए टीम ने इंडिया ए को 128 रन के बड़े अंतर से हराकर खिताब अपने नाम किया. खिताबी जीत की फेवरेट मानी जा रही टीम इंडिया के सामने 353 रन का विशाल लक्ष्य था, जिसके जवाब में पूरी टीम 224 के स्कोर पर सिमट गई. फाइनल में मिली हार वाकई में बड़ी हार होती है, लेकिन अगर वो हार पाकिस्तान के खिलाफ मिली हो तो वाकई में बहुत चुभती है. यश ढुल की कप्तानी वाली इंडिया ए पूरे टूर्नामेंट में अजेय थी, लेकिन निर्णायक मुकाबले में चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान ने भारत को चारो खाने चित्त कर दिया.
इंडिया ए के ना तो गेंदबाज चले और ना ही बल्लेबाज... चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिरी किन कारणों के चलते इंडिया ए को हार का सामना करना पड़ा.
युवा भारतीय टीम की हार का सबसे पहला कारण टॉस के बाद गेंदबाजी चुनना रहा. कप्तान यश ढुल ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया. यह बात किसी से छिपी नहीं है कि फाइनल मैच का प्रेशर अलग होता है. इसके बाद भी ढुल ने पहले गेंदबाजी चुनी. नतीजा पाकिस्तान ने भारतीय गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी. पाक टीम ने 50 ओवरों में 8 विकेट पर 352 रन बना दिए. इसके अलावा यश ने किसी भी गेंदबाज से उसके कोटे के पूरे 10 ओवर भी नहीं कराए.
हार का दूसरा कारण राजवर्धन हैंगरगेकर की नो-बॉल रही
पाकिस्तान की पारी के चौथे ओवर में युवा तेज गेंदबाज राजवर्धन हैंगरगेकर ने बड़ नो-बॉल डाली. इस गेंद पर पाक ओपनर सईम अय्यूब को बोल्ड हो गए थे, लेकिन नो-बॉल के चलते उनको बड़ा जीवनदान मिला. उस समय सईम 15 के निजी स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे. मिले जीवनदान का अय्यूब ने पूरा फायदा उठाया और 51 गेंदों पर 59 रन बनाकर आउट हुए. उन्होंने पहले विकेट के लिए साहबजादा फरहान के साथ मिलकर 121 रन जोड़े, जो टीम इंडिया पर भारी पड़ गए. हैंगरगेकर ने मैच में 6 ओवर में गेंदबाजी में 48 रन देकर 2 विकेट चटकाए.
तीसरा कारण
इंडिया ए की हार का तीसरा और सबसे बड़ा कारण मिडिल ऑर्डर की खराब बल्लेबाजी रहा. इंडिया ए के मध्यक्रम का कोई भी बैटर टीम के लिए जिम्मेदारी नहीं ले सका. निशांत सिंधु (10), रियान पराग (14) और ध्रुव जुरेल 9 रन बनाकर पवेलियन लौटे. इससे पहले बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल में भी मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों ने सरेंडर कर दिया था. बांग्लादेश के खिलाफ भारत ने पहले बैटिंग की और पूरी टीम 211 पर ढेर हो गई थी.
इस मैच में टॉप ऑर्डर के बल्लेबाज साईं सुदर्शन और अभिषेक शर्मा को बढ़िया शुरुआत जरूर मिली, लेकिन वह इसको बड़ी पारी में न बदल सके. हालांकि मैच में मध्यक्रम के पास खुद को साबित करने का शानदार मौका था, लेकिन सभी खिलाड़ियों से मानो हार मान ली. निशांत सिंधु (5), रियान पराग (12) और विकेटकीपर ध्रुव जुरेल मात्र 1 रन बनाकर चलते बने. फाइनल में भी इन्होंने अपनी गलती नहीं सुधारी.
by AKHIL GUPTA
Source : Sports Desk