इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रेंचाइजी टीमों को कथित तौर पर इंग्लैंड में इस साल जुलाई से शुरू होने वाली एक बिल्कुल अलग तरह की लीग-द हंड्रेड में हिस्सेदारी की पेशकश की है. इंग्लैंड में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएल की सभी आठ टीमों में से प्रत्येक को 25 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश की गई है और राजस्थान रॉयल्स (आरआर) और कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) ने इसमें रुचि भी दिखाई है. इसके अलावा, ईसीबी ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को द हंड्रेट में विश्व क्रिकेट के ग्लैमरस खिलाड़ियों जैसे विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और ऋषभ पंत, के खेलने की स्थिति में एशियाई टेलीविजन अधिकारों का एक हिस्सा देने की पेशकश की है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसीसीआई और ईसीबी के बीच कोविड-19 महामारी शुरू होने से पहले ही बातचीत शुरू हो गई थी. यह भी कहा गया है कि जब ईसीबी अध्यक्ष इयान वाटमोर और सीईओ टॉम हैरिसन पिछले महीने भारत-इंग्लैंड डे-नाइट टेस्ट के लिए अहमदाबाद आए थे, तो उन्होंने बीसीसीआई अधिकारियों के साथ द हंड्रेड पर चर्चा की थी. बीसीसीआई के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने हालांकि गुरुवार को कहा कि उन्हें द हंड्रेड के बारे में ईसीबी और बीसीसीआई के बीच किसी भी विकास या बातचीत के बारे में पता नहीं है. उनमें से एक ने आईएएनएस को बताया, मुझे इसकी जानकारी नहीं है.
टेलीग्राफ रिपोर्ट में कहा गया है, यह समझा जाता है कि ईसीबी भारत के साथ साझेदारी के कई संभावित अवसरों पर विचार कर रहा है क्योंकि वे खेल के पावरहाउस के साथ उसके संबंधों मजबूत नहीं रहे हैं. महिलाओं के द हंड्रेड टूर्नामेंट की शुरुआत इस साल होगी और 2022 में पुरुषों के टूर्नामेंट के लिए मार्ग प्रशस्त होगा. मनोज बडाले जो कि राजस्थान रॉयल्स के मालिक और कोलकाता नाइट राइडर्स के सीईओ और एमडी वेंकी मैसूर ने पिछले दिनों कहा था कि अगर द हंड्रेड में निवेश करने का मौका आया तो वे निश्चित तौर इसे हाथ से जाने नहीं देंगे.
हालांकि, दोनों फ्रेंचाइजी ने गुरुवार को आईएएनएस से पुष्टि की कि द हंड्रेड के बारे में ईसीबी के साथ कोई और विकास या बातचीत नहीं हुई है. इन दो फ्रेंचाइजी के अधिकारियों का कहना है कि केकेआर और आरआर मालिकों द्वारा रुचि दिखाने के बाद से कोई और विकास नहीं हुआ है. फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने दो फ्रैंचाइजी के रुख को लेकर बताया. कहा, बडाले और मैसूर दोनों ने अतीत में उल्लेख किया था कि वे निवेश करने के अवसरों का पता लगा सकते हैं. हालांकि, उन्होंने कोई प्रतिबद्धता नहीं बनाई है और इस मोर्चे पर अब तक कोई विकास नहीं हुआ है.
बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को विदेशी टी20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं देता है. यदि कोई भारतीय क्रिकेटर एक विदेशी टी20 फ्रेंचाइजी लीग में खेलना चाहता है, यहां तक कि एक आईपीएल फ्रैंचाइजी के स्वामित्व वाली टीम के लिए भी, उसे आधिकारिक तौर पर भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेना होगा, और बीसीसीआई को सूचित करना होगा.
राजस्थान रॉयल्स, गुजरात लायंस और सनराइजर्स हैदराबाद का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रवीण तांबे को कैरेबियाई प्रीमियर लीग में ट्रिनबागो नाइट राइडर्स का प्रतिनिधित्व करने के लिए आधिकारिक भारतीय क्रिकेट छोड़ना पड़ा, भले ही फ्रैंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स के स्वामित्व में है. इरफान पठान, मुनाफ पटेल और सुदीप त्यागी जैसे खिलाड़ियों ने पिछले साल लंका प्रीमियर लीग में खेलने के लिए उसी तरह से इंटरनेशनल क्रिकेट को छोड़ दिया.
ईसीबी के प्रस्ताव पर सहमति के लिए बीसीसीआई को काफी माथापच्ची करनी होगी. मुख्य कारकों में से एक कोहली और बुमराह जैसे भारतीय सुपरस्टार्स का वर्कलोड होगा. यह देखते हुए कि वे अपने सभी आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए सभी मैचों में खेलने के अलावा भारत के लिए तीनों प्रारूप खेलते हैं.
HIGHLIGHTS
- इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने की पेशकश
- आईपीएल फ्रेंचाइजी के साथ मिलकर लीग में हिस्सेदारी की पेशकश