क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने वक्त में दुनियाभर के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की है. गेंदबाजों के लिए तो सचिन तेंदुलकर मुसीबत थे ही, साथ ही विपक्षी टीम के कप्तान के लिए भी मुश्किल खड़ी करते थे. एक वक्त तो कहा जाता था कि अगर सचिन तेंदुलकर को आउट कर दिया तो समझो आधे से ज्यादा मैच जीत लिया. यह बात विपक्षी कप्तान भी जानते थे. इसलिए टीम इंडिया (Team India) के साथ मैच से पहले कप्तान की मीटिंग का पूरा फोकस यही होता था कि किस तरह से सचिन तेंदुलकर को आउट किया जाए.
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इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन (Nasir Hussain) ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर और उनकी शानदार तकनीक के कारण उनकी टीम को सिर्फ इस महान भारतीय बल्लेबाज को आउट करने की रणनीति बनाने के लिए कई बैठकें करनी पड़ती थीं. सचिन तेंदुलकर ने 2013 में संन्यास लेने से पहले दो दशक तक भारतीय क्रिकेट में दबदबा बनाया हुआ था, जिसमें उनके नाम कई बल्लेबाजी रिकार्ड रहे जिसमें टेस्ट और वनडे में सर्वाधिक रन बनाने के अलावा सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शतक भी शामिल हैं.
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पू्र्व कप्तान नासिर हुसैन ने याद करते हुए कहा कि जब मैं सर्वकालिक बल्लेबाजों के बात करता हूं तो सचिन तेंदुलकर की तकनीक शानदार थी. जब मैं इंग्लैंड का कप्तान था तो मुझे याद नहीं कि हम सिर्फ सचिन तेंदुलकर को आउट करने पर चर्चा के लिए कितनी टीम बैठकें किया करते थे. वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के पोडकास्ट क्रिकेट इनसाइड आउट के ताजा एपिसोड पर इयान बिशप और एलमा स्मिट से बात कर रहे थे. नासिर हुसैन ने कहा कि मेरे लिए पूरी दुनिया के सभी हिस्सों में रन बनाना तकनीक है और मैं उसे पसंद करता हूं जो सहज ढंग से खेलते हैं और गेंद को बल्ले पर आने देते हैं. उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से केन विलियमसन के पास मौजूदा दौर में बहुत अच्छी तकनीक है, वह गेंद को सहज ढंग से देरी से खेलता है.
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नासिर हुसैन ने कहा कि टी20 क्रिकेट के कारण खिलाड़ी वर्तमान में काफी आक्रामक खेलते हैं, विलियमसन सभी तीनों प्रारूपों में खेल सकता है और प्रत्येक के हिसाब से अपने खेल को बदल सकता है. बिशप ने भी कहा कि उन्होंने अपने करियर में जितने भी बल्लेबाजों को गेंदबाजी की, उसमें सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी करना सबसे कठिन था. उन्होंने कहा कि मैंने अपने करियर में जिन बल्लेबाजों को गेंदबाजी की थी, उनमें से सचिन तेंदुलकर एक थे जिन्हें गेंदबाजी करना सबसे मुश्किल होता था. वह हमेशा ‘स्ट्रेट लाइन’ में हिट किया करते थे.
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साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली की टीम के खिलाफ खेलना, आप जानते हो कि आप लड़ाई लड़ रहे हो. आप जानते हो कि सौरव गांगुली भारतीय प्रशंसकों के जुनून को समझते हैं और यह क्रिकेट के एक मैच मात्र नहीं है. यह क्रिकेट के खेल से कहीं ज्यादा है. वो काफी शक्तिशाली थे और इसी तरह के क्रिकेटर चुनते थे. लेकिन इसके बाद भी आप मैच के बाद उनसे मिलते तो वो बड़े अच्छे से पेश आते थे. सौरव इसी तरह थे. हुसैन ने कहा कि जब मैं गांगुली के खिलाफ खेलता था तो उनसे नफरत करता था क्योंकि वह मुझे हर बार टॉस के लिए इंतजार कराते थे. मैं कहता था सौरव गांगुली 10:30 बज गए हैं हमें टॉस के लिए जाना है. अब मैं एक दशक से उनके साथ कॉमेंट्री को लेकर काम कर रहा हूं. वो शानदार इंसान हैं, शांत रहते हैं लेकिन अभी भी कॉमेंट्री के लिए देर करते हैं.
(इनपुट आईएएनएस)
Source : Sports Desk