एक बार जब कोई खिलाड़ी भारतीय टीम से बाहर हो जाता है तो उसके लिए सबसे बड़ा काम यही होता है कि वह टीम में वापसी किस तरह से करे, लेकिन यह काम बहुत मुश्किल होता है. अब इसी संघर्ष से तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट जूझ रहे हैं. इस वक्त उनकी प्राथमिकता टेस्ट टीम में वापसी करना है. जयदेव उनादकट ने अब तक भारत के लिए एक ही टेस्ट मैच खेला है, और वह मैच भी उन्होंने साल 2010 में खेला था, जब उनकी उम्र मात्र 19 साल की हुआ करती थी. यानी करीब दस साल से जयदेव उनादकट की टेस्ट टीम में वापसी नहीं हो पाई है. जब उन्होंने पहला टेस्ट खेला था, तब उनकी उम्र 19 साल की थी, लेकिन अब वे करीब 29 साल के हो चुके हैं. ऐसे में उन्हें टेस्ट टीम में वापसी के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा.
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उनादकट ने अपनी आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल्स के साथी ईश सोढ़ी के साथ फ्रेंचाइजी के फेसबुक पेज पर बात करते हुए कहा, मैं लाल गेंद से गेंदबाजी करना पसंद करता हूं. मुझे एक टेस्ट मैच खेलने के बाद दूसरा मैच खेलने का मौका नहीं मिला, इसलिए यह बात मेरे दिमाग में चलती रहती है. इस समय हालांकि भारतीय टीम में प्रतिद्वंद्विता काफी कड़ी है. मैं कह सकता हूं कि अभी तक सबसे मजबूत. भारतीय टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण इस समय शानदार है. ईशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार के हाथों में इसकी बागडोर है और इनमें से किसी को भी मौका मिलता है तो सभी अच्छा करते हैं.
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बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने साथ ही कहा कि वह खेल के अन्य प्रारूपों में भी बेहतर होना चाहते हैं. उन्होंने कहा, हाल के दिनों में छोटे प्रारूप मेरी ताकत रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किसी एक प्रारूप का विशेषज्ञ नहीं बनना चाहता हूं बल्कि में विविधता वाला गेंदबाज बनना चाहता हूं क्योंकि मैं सभी प्रारूप में जगह बनाना चाहता हूं.
आपको बता दें कि इस वक्त भारत में तेज गेंदबाजों की एक लंबी फौज तैयार है. कोई गेंदबाज फिट नहीं है या फिर उसका फार्म कुछ खराब है तो दूसरा गेंदबाज उसकी जगह लेने के लिए तैयार रहता है. तेज गेंदबाजी क्रम में भारत में जगह बनाने के लिए कई और गेंदबाज भी लगातार संघर्ष कर रहे हैं. जयदेव उनादकट ने मार्च में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया था. उस मैच में वे सौराष्ट्र के कप्तान थे. उन्होंने सेमीफाइनल में गुजरात के खिलाफ कुल 10 विकेट लिए थे.
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उनादकट रणजी ट्रॉफी के सीजन में 65 विकेट हासिल कर चुके हैं, जोकि रणजी ट्रॉफी के किसी एक सीजन में किसी भी तेज गेंदबाज द्वारा लिया गया सबसे ज्यादा विकेट है. उन्होंने इसके साथ डोडा गणेश के रिकार्ड को पीछे छोड़ दिया था. पूर्व तेज गेंदबाज डोडा गणेश ने 198-99 में के रणजी ट्रॉफी सीजन में सबसे ज्यादा 62 विकेट लिए थे. इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल के साल 2018 के ऑक्शन में जयदेव उनादकट को नीलामी में 8.4 करोड़ रुपये मिले हैं. इससे पहले के सीजन में भी जयदेव उनादकट को बड़ी रकम मिली थी.
(इनपुट आईएएनएस)
Source : News Nation Bureau