एकदिवसीय क्रिकेट के शानदार बल्लेबाजों में शामिल रहे ऑस्ट्रेलिया के डीन जोन्स का गुरुवार को मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. जोन्स इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिए स्टार स्पोर्ट्स की कमेंट्री टीम का हिस्सा थे और मुंबई में थे. वह 59 बरस के थे. जोन्स शहर के एक होटल में जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में थे. उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटियां हैं. जोन्स ने ऑस्ट्रेलिया की ओर से 52 टेस्ट और 164 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. वह 1987 विश्व कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा थे. स्टार स्पोर्ट्स ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘बेहद दुख के साथ हम डीन मर्विन जोन्स एएम के निधन की खबर साझा कर रहे हैं. दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके परिवार के प्रति संवेदना जाहिर करते हैं और इस मुश्किल समय में उनके सहयोग के लिए तैयार हैं. जरूरी इंतजाम करने के लिए हम ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के संपर्क में हैं.’’ विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘जोन्स खेल के महान दूतों में से एक थे और वह दक्षिण एशिया में क्रिकेट के विकास से जुड़े रहे. वह नई प्रतिभा को खोजने और युवा क्रिकेटरों को तराशने को लेकर जुनूनी थे.’’ प्रसारणकर्ता ने कहा, ‘‘वह चैंपियन कमेंटेटर थे जिनकी मौजूदगी और खेल को पेश करने का तरीका हमेशा प्रशंसकों को खुशी देता था. स्टार और दुनियाभर में उनके लाखों प्रशंसकों को उनकी कमी खलेगी. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार और मित्रों के साथ हैं.’’
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जोन्स ने अपने करियर के दौरान 44.61 की औसत से 6068 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय रन बनाए जिसमें सात शतक और 46 अर्धशतक शामिल रहे. भारतीय प्रशंसकों के जेहन में वह चेपक में टाई रहे एतिहासिक टेस्ट में अपनी यादगार पारी के लिए जगह बना चुके थे. उन्होंने चुनौतीपूर्ण हालांकि में नाबाद दोहरा शतक जड़कर ऑस्ट्रेलिया के बड़े स्कोर की नींव रखी थी. इस पारी के दौरान जोन्स के शरीर में पानी की इतनी कमी हो गई थी कि उन्हें टेस्ट मैच के दौरान ही अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. उस समय एलेन बोर्डर ने जोन्स के बारे में कहा था, ‘‘मैं टीम में एक कड़े तस्मानियाई को चाहता हूं और किसी कमजोर विक्टोरियाई खिलाड़ी को नहीं.’’
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एकदिवसीय क्रिकेट में जोन्स को अधिकतर तेज गेंदबाजों के खिलाफ आगे बढ़कर हवा में शॉट खेलते हुए देखा जा सकता था. उन्होंने ब्रिसबेन में 1992 विश्व कप में भारत के खिलाफ मैच विजयी पारी खेली और इस रोमांचक मुकाबले को भारत सिर्फ एक रन से हार गया था. खिलाड़ी के रूप में संन्यास लेने के बाद उन्होंने विभिन्न चैनलों पर क्रिकेट विशेषज्ञ की भूमिका निभाई विशेषकर दक्षिण एशिया में और वह भारत और पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय थे.
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भारत के एक समाचार चैनल ने उन्हें ‘प्रोफेसर डीनो’ नाम दिया जो उनके नाम के साथ जुड़ गया और उनका ट्विटर हैंडल इसी नाम से है. उन्हें हालांकि अपने नजरिये के कारण कई बार ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ा. उन्हें एक बार लाइव कमेंट्री के दौरान दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर हाशिम अमला को ‘आतंकवादी’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया. यह उन्होंने मजाक में कहा था लेकिन नस्ली टिप्पणी के कारण प्रसारणकर्ता ने उन्हें कमेंट्री की जिम्मेदारी से हटा दिया.
Source : Bhasha