इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज डेविड गॉवर (David Gower) बल्ला पकड़े जितने स्टाइलश दिखते थे, उतनी ही उनकी आवाज कमेंट्री बॉक्स से लोगों को प्रभावित करती है. वह इंग्लैंड के लिए 15 साल खेले और कमेंट्री करियर उनका इससे भी ज्यादा का है. चार दशक तक खेल से साथ जुड़े रहने वाले गॉवर अब अपने बल्ले के साथ माइक को भी पैक कर रहे हैं. 117 टेस्ट मैच खेलने वाला यह खिलाड़ी जानता था कि यह समय भी आने वाला है.
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ग्लोफेंस के शो क्यू20 पर आने वाले गॉवर ने आईएएनएस से कहा, मैंने स्काई स्पोट्र्स के साथ 20 साल बिताए हैं और हर एक पल का लुत्फ उठाया है. मेरा ब्रॉडकास्टिंग करियर बीबीसी से शुरू हुआ था और इसके बाद मेरा स्काई के साथ 20 साल का सफर 1999 विश्व कप से शुरू हुआ. यह काफी अच्छा था. उन्होंने कहा, एक बात मैं कहूंगा कि एक पूर्व खिलाड़ी होने के नाते एक बार जब आप कमेंट्री में आते हो तो आप उसी खेल के साथ रहते हो जिसे आप पसंद करते हो, आप उसके साथ जुड़े रहते हो, आप उन लोगों के साथ रहते हो जो आपके दोस्त हैं.
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने कहा, उदाहरण के तौर पर स्काई के कमेंट्री बॉक्स में आप जानते हो कि आप के साथ माइक होलडिंग जैसा शख्स होगा, जैसे क्रिकेट में आप जानते हो कि पहले एक घंटे आपके साथ कौन होगा. इसलिए यह खेल से जुड़े रहने का एक तरीका है. एक समय हुआ करता था कि पूरी दुनिया के क्रिकेटर काउंटी खेलने के लिए इंग्लैंड जाया करते थे. हालांकि समय में अब थोड़ा बदलाव हुआ है और भारत को टी-20 का सुपर पावर कहा जाने लगा है.
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आईपीएल इसकी एक वजह है जहां पूरी दुनिया के कई क्रिकेटर हिस्सा लेते हैं और ऐसे में कई तरह की कहानियां बनती हैं. ऐसा ही कुछ इंग्लैंड के जोस बटलर और भारत के रविचंद्रन अश्विन के साथ आईपीएल में हुआ था जब अश्विन ने जोस बटलर को मांकड तरीके से (नान स्ट्राइकर छोर पर बल्लेबाज को क्रीज से बाहर होने पर गेंद फेंकने से पहले आउट करना) आउट किया था. गॉवर ने इस पर कहा कि पहले बल्लेबाज को चेतवानी देना सही रहेगा. गॉवर ने कहा, यह सब जब हुआ तब मैं भारत में था. मैंने इसकी पूरी मीडिया कवरेज देखी थी. मैंने इसे काफी करीब से देखा क्योंकि लोग मुझसे मेरे विचार जानना चाह रहे थे. अब जब मैं फुटेज देखता हूं तो सोचता हूं कि बटलर आखिर पिच पर कितनी दूर तक गए थे और पाता हूं कि लगभग कहीं नहीं.
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अश्विन ने नॉन स्ट्राइकर छोर पर गिल्लियां उड़ा दी थीं और बटलर को आउट दिया गया था क्योंकि यह नियमों के खिलाफ नहीं था. गॉवर ने कहा, मुझे निजी तौर पर लगता है कि बटलर को भांप लेना था कि अश्विन क्या करने वाले हैं. हम सबने देखा क्या हुआ. मुझे लगता है कि अश्विन मांकड करने के बारे में पहले से ही सोच रहे थे. इंग्लैंड के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, मैं इस संबंध में एक सलाह सभी आयु के बच्चों को देना चाहूंगा, चाहे वो 15, 18, 20, 25, 35, 40 के हों. एक बार चेतावनी जरूर दीजिए क्योंकि ऐसा करना काफी अच्छा रहेगा. इससे आपको मौका मिलेगा आगे इसे जारी रखने का, अगर जरूरत पड़ी तो, लेकिन चेतावनी जरूर दीजिए.यह मेरी सलाह है.
Source : IANS
क्रिकेट खेलने से ज्यादा कमेंट्री करने वाले पूर्व कप्तान ने मांकड पर कह दी ये बड़ी बात
इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज डेविड गॉवर बल्ला पकड़े जितने स्टाइलश दिखते थे, उतनी ही उनकी आवाज कमेंट्री बॉक्स से लोगों को प्रभावित करती है.
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इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज डेविड गॉवर (David Gower) बल्ला पकड़े जितने स्टाइलश दिखते थे, उतनी ही उनकी आवाज कमेंट्री बॉक्स से लोगों को प्रभावित करती है. वह इंग्लैंड के लिए 15 साल खेले और कमेंट्री करियर उनका इससे भी ज्यादा का है. चार दशक तक खेल से साथ जुड़े रहने वाले गॉवर अब अपने बल्ले के साथ माइक को भी पैक कर रहे हैं. 117 टेस्ट मैच खेलने वाला यह खिलाड़ी जानता था कि यह समय भी आने वाला है.
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ग्लोफेंस के शो क्यू20 पर आने वाले गॉवर ने आईएएनएस से कहा, मैंने स्काई स्पोट्र्स के साथ 20 साल बिताए हैं और हर एक पल का लुत्फ उठाया है. मेरा ब्रॉडकास्टिंग करियर बीबीसी से शुरू हुआ था और इसके बाद मेरा स्काई के साथ 20 साल का सफर 1999 विश्व कप से शुरू हुआ. यह काफी अच्छा था. उन्होंने कहा, एक बात मैं कहूंगा कि एक पूर्व खिलाड़ी होने के नाते एक बार जब आप कमेंट्री में आते हो तो आप उसी खेल के साथ रहते हो जिसे आप पसंद करते हो, आप उसके साथ जुड़े रहते हो, आप उन लोगों के साथ रहते हो जो आपके दोस्त हैं.
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने कहा, उदाहरण के तौर पर स्काई के कमेंट्री बॉक्स में आप जानते हो कि आप के साथ माइक होलडिंग जैसा शख्स होगा, जैसे क्रिकेट में आप जानते हो कि पहले एक घंटे आपके साथ कौन होगा. इसलिए यह खेल से जुड़े रहने का एक तरीका है. एक समय हुआ करता था कि पूरी दुनिया के क्रिकेटर काउंटी खेलने के लिए इंग्लैंड जाया करते थे. हालांकि समय में अब थोड़ा बदलाव हुआ है और भारत को टी-20 का सुपर पावर कहा जाने लगा है.
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आईपीएल इसकी एक वजह है जहां पूरी दुनिया के कई क्रिकेटर हिस्सा लेते हैं और ऐसे में कई तरह की कहानियां बनती हैं. ऐसा ही कुछ इंग्लैंड के जोस बटलर और भारत के रविचंद्रन अश्विन के साथ आईपीएल में हुआ था जब अश्विन ने जोस बटलर को मांकड तरीके से (नान स्ट्राइकर छोर पर बल्लेबाज को क्रीज से बाहर होने पर गेंद फेंकने से पहले आउट करना) आउट किया था. गॉवर ने इस पर कहा कि पहले बल्लेबाज को चेतवानी देना सही रहेगा. गॉवर ने कहा, यह सब जब हुआ तब मैं भारत में था. मैंने इसकी पूरी मीडिया कवरेज देखी थी. मैंने इसे काफी करीब से देखा क्योंकि लोग मुझसे मेरे विचार जानना चाह रहे थे. अब जब मैं फुटेज देखता हूं तो सोचता हूं कि बटलर आखिर पिच पर कितनी दूर तक गए थे और पाता हूं कि लगभग कहीं नहीं.
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अश्विन ने नॉन स्ट्राइकर छोर पर गिल्लियां उड़ा दी थीं और बटलर को आउट दिया गया था क्योंकि यह नियमों के खिलाफ नहीं था. गॉवर ने कहा, मुझे निजी तौर पर लगता है कि बटलर को भांप लेना था कि अश्विन क्या करने वाले हैं. हम सबने देखा क्या हुआ. मुझे लगता है कि अश्विन मांकड करने के बारे में पहले से ही सोच रहे थे. इंग्लैंड के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, मैं इस संबंध में एक सलाह सभी आयु के बच्चों को देना चाहूंगा, चाहे वो 15, 18, 20, 25, 35, 40 के हों. एक बार चेतावनी जरूर दीजिए क्योंकि ऐसा करना काफी अच्छा रहेगा. इससे आपको मौका मिलेगा आगे इसे जारी रखने का, अगर जरूरत पड़ी तो, लेकिन चेतावनी जरूर दीजिए.यह मेरी सलाह है.
Source : IANS