भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली का मानना है कि हर प्रारूप में एक ही तरह के खिलाड़ियों को शामिल किया जाना चाहिए ताकि टीम में लय बनी रहे और टीम के अंदर आत्मविश्वास बढ़े. हालांकि गांगुली के पूर्व साथी खिलाड़ी विनोद कांबली इस मामले में बिल्कुल अलग राय रखते हैं. कांबली का कहना है कि प्रारुप से हिसाब के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का चुनाव किया जाना चाहिए. हाल ही में वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान हुआ था और इसके बाद गांगुली ने कहा था कि तीनों प्रारुप के लिए एक ही तरह की टीम चुनी जानी चाहिए.
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टीम चयन पर कांबली ने ट्वीट कर कहा, "मैं प्रारूप के हिसाब से खिलाड़ियों को चुनने में विश्वास रखता हूं. हमें प्रारुप के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुनने चाहिए और उनके साथ खेलना चाहिए. इससे भारतीय टीम को खिलाड़ी बचाने में मदद मिलेगी और प्रबंधन खिलाड़ियों को बड़ी सीरीज के लिए उपयोग में ले सकेगा. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया इसके मुख्य उदाहरण हैं."
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एम.एस.के प्रसाद की अध्यक्षता वाली सीनियर चयन समिति ने विंडीज दौर के लिए जब टीम का ऐलान किया था तब गांगुली ने ट्वीट कर लिखा था, "समय आ गया है कि भारतीय चयनकर्ता सभी प्रारुपों के लिए एक ही तरह की टीम चुनें. कुछ खिलाड़ी सभी प्रारुप में खेल रहे हैं, बड़ी टीमों के पास निरंतर खेलने वाले खिलाड़ी होते हैं. यह सभी को खुश करने वाली बात नहीं है बल्कि देश के लिए सर्वश्रेष्ठ चुनने वाली बात है. कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो सभी प्रारुप में खेल सकते हैं. शुभमन गिल और अंजिक्य रहाणे को वनडे टीम में न देखकर हैरान हूं."
Source : भाषा