टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. घरेलू क्रिकेट के 'सचिन तेंदुलकर' के नाम से मशहूर जाफर ने इस भावुक मौके पर अपने सभी साथी खिलाड़ियों को धन्यवाद कहा. जाफर ने इस भावुक मौके पर कहा कि उन्होंने देश के लिए क्रिकेट खेलकर अपने पिता का सपना पूरा किया है, जिस पर उन्हें गर्व है. अपने कलात्मक शॉट और तकनीक के लिए विख्यात जाफर ने अप्रैल 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था. उसके बाद उन्हें कभी भी भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला.
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रणजी का सबसे सौभाग्यशाली खिलाड़ी
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहने के दौरान जाफर ने घरेलू क्रिकेट को ही अपना करियर बनाया और लगातार एक के बाद एक कई रिकॉर्ड अपने नाम किए. जाफर ने रणजी ट्रॉफी के कुल 10 फाइनल मुकाबलों में बल्लेबाजी की और हर बार अपनी टीम को खिताब दिलाया. वे 1996-97 से 2012-13 तक 8 बार रणजी ट्रॉफी जीतने वाली मुंबई के लिए क्रिकेट खेला. जिसके बाद वे विदर्भ के लिए खेलने लगे और यहां भी उन्होंने अपनी टीम को लगातार दो बार 2018 और 2019 में खिताब दिलाने में बड़ा योगदान दिया.
Source : News Nation Bureau