कहा जाता है कि रिकार्ड तो बनते ही टूटने के लिए हैं. जब भी कोई खिलाड़ी मैदान में क्रिकेट खेलने के लिए उतरता है तो उसके निशाने पर रिकार्ड ही होते हैं. हर खिलाड़ी यही चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा रिकार्ड को तोड़कर अपने नाम किया जाए. बहुत कम ऐसे रिकार्ड हैं, जो एक बार बने और उसके बाद उन्हें कोई नहीं तोड़ पाया. रिकार्ड चाहे अपने देश के हों या फिर दूसरे देश के वे तोड़े ही जाते हैं. लेकिन पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक (Inzamam-ul-Haq) ने अब एक नई बात बोल दी है. इंजमाम उल हक ने कहा है कि उन्होंने कभी भी अपने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के रिकार्ड को तोड़ने की कोशिश नहीं की.
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पाकिस्तान के लिए टेस्ट में दूसरा सर्वोच्च स्कोर करने वाले पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने कहा है कि उन्होंने कभी भी हनीफ मोहम्मद के रिकार्ड को तोड़ने के बारे में नहीं सोचा. पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाजों में से एक हनीफ मोहम्मद ने 1958 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 337 रनों की पारी खेली थी जो अभी तक पाकिस्तान के लिए टेस्ट में सर्वोच्च स्कोर है. इंजमाम ने 2002 में लाहौर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 329 रन बनाए थे. इस मैच में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान को दूसरे छोर से साथ नहीं मिल रहा था और वो बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में आउट होकर हनीफ मोहम्मद हनीफ का रिकार्ड तोड़ने से चूक गए थे.
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इंजमाम उल हक ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, मुझे याद है कि मैंने आखिरी बल्लेबाज से कहा था कि क्या तुम थोड़ी देर रुक सकते हो? उसके चेहरे के भाव ने काफी कुछ बता दिया था. उसे आत्मविश्वास नहीं था. उन्होंने कहा, इसलिए मैंने बड़े शॉट्स खेलने का फैसला किया और अंत में बाउंड्री पर आउट हो गया. अगर मेरे साथ दूसरे छोर पर कोई अच्छा बल्लेबाज होता तो मैं ज्यादा रन बनाता. इंजमाम उल हक ने कहा, मैं ईमानदारी से कहूं तो मेरा हनीफ भाई का रिकार्ड तोड़ने का कोई इरादा नहीं था. अगर यह विश्व रिकार्ड होता तो अलग बात होती, लेकिन अपने साथी पाकिस्तानी खिलाड़ी का रिकार्ड तोड़ना कभी मुझे पसंद नहीं आया.
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लेकिन यह ध्यान देने वाली बात यह है कि इंजमाम उल ने खुद ही अपनी बातों में कह दिया कि दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज में आत्मविश्वास नहीं था, इसलिए उन्होंने बड़े शॉट्स खेलने का फैसला किया. यानी समझा जा सकता है कि इंजमाम के मन में रिकार्ड तो था ही, इसीलिए उन्होंने बड़े शॉट्स खेलना शुरू किया और आउट हो गए. अगर इंजमाम के मन में हनीफ मोहम्मद के लिए सम्मान होता और वे उस रिकार्ड तो तोड़ने से बचना चाहते होते तो शायद वे उसी वक्त पारी की घोषणा कर देते, उसके बाद अगर इंजमाम इस तरह की बातें कहते तो उस पर विश्वास किया जा सकता था.
(आईएएनएस इनपुट)
Source : Sports Desk