पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने श्रीलंका के 10 खिलाड़ियों के पाकिस्तान दौरे पर न आने के निर्णय पर निराशा जताई है. अख्तर ने ट्वीट किया, "यह काफी निराशाजनक है कि 10 श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने पाकिस्तान दौरे से अपना नाम वापस ले लिया है. पाकिस्तान ने हमेशा श्रीलंका क्रिकेट को सपोर्ट किया है. हाल ही में जब श्रीलंका में इस्टर के दिन अटैक हुआ था तो हमने अपनी अंडर-19 टीम को वहां भेजा था और हमारी पहली इंटरनेशनल टीम थी जो अपनी मर्जी से वहां गई थी."
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अख्तर ने लिखा, "निश्चित रूप से 1996 के विश्व कप को कौन भूल सकता है जब ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज ने श्रीलंका दौरे पर जाने से इंकार कर दिया था. पाकिस्तान ने कोलंबो में एक दोस्ताना मैच खेलने के लिए भारत के साथ एक संयुक्त टीम भेजी थी. हम श्रीलंका से पारस्परिकता की अपेक्षा करते हैं. उनका बोर्ड सहयोग कर रहा है, खिलाड़ियों को भी ऐसा ही करना चाहिए."
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लसिथ मलिंगा, एंजेलो मैथ्यूज, दिनेश चंडीमल, सुरंगा लकमल, दिमुथ करुणारत्ने, थिसारा परेरा, अकिला धनंजय, धनंजय डि सिल्वा, कुसल परेरा और निरोशन डिकवेला सहित श्रीलंका के शीर्ष खिलाड़ियों ने 27 सितंबर से शुरू होने वाले पाकिस्तान दौरे से अपना नाम वापस ले लिया था.
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श्रीलंकाई खिलाड़ियों के इस फैसले पर पाकिस्तान के कैबिनेट मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भारत को फिजूल में घेरने की कोशिश की थी. जिसके बाद श्रीलंका के खेल मंत्री हरिन फर्नांडो ने फवाद की फिजूल बातों पर सफाई देते हुए कहा था कि इसमें भारत का कोई हाथ नहीं है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो