उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एसटीएफ की छापेमारी से बचने के लिए एमपी और कानपुर में सट्टा खिलवा रहा सट्टेबाज कानपुर से गिरफ्तार किया गया है। सटोरियों को दबोचने के साथ 19 लाख 50 हजार रुपये, 16 मोबाइल फोन, लैपटॉप, रजिस्टर और डायरी बरामद की है।
एएसपी एसटीएफ शहाब रशीद खां के अनुसार आईपीएल के मैचों में सट्टा लगवाए जाने की सूचना पर कानपुर में एक साथ तीन ठिकानों पर छापे मारे गए। फीलखाना में छापेमारी के दौरान कानपुर निवासी राजेश अग्रवाल सट्टा लगाते हुए पकड़ा गया। उसके पास से एक डायरी, पांच मोबाइल फोन और चार लाख रुपये बरामद हुए।
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यहां सट्टे का ऑनलाइन रेट आ रहा था। वहीं, साकेत नगर के सरस्वती अपार्टमेंट स्थित फ्लैट से लखनऊ के हुसैनगंज स्थित डायमंड डेरी निवासी संदीप श्रीवास्तव और रायबरेली के जसमीत को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से डायरेक्ट फोन लाइन, पांच मोबाइल फोन, 1 लाख 49 हजार रुपये, लैपटॉप और लेनदेन का रजिस्टर बरामद हुआ है।
किदवई नगर से दीपक लांबा को गिरफ्तार कर 14 लाख रुपये, डिब्बा और छह मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। पकड़े गए आरोपितों से मिली जानकारी के आधार पर छापे मारे जा रहे हैं।
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लखनऊ के सट्टा बाजार का संदीप बड़ा खिलाड़ी है। लम्बे समय से सट्टेबाजी में लिप्त संदीप से कई बड़े लोग जुड़े हैं और करोड़ों का खेल होता है। पिछले साल भी एसटीएफ ने गोवा तक में छापे मारकर लखनऊ के कई बड़े सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया था।
ऐसे में गिरफ्त से बचने के लिए ही संदीप आईपीएल शुरु होते ही मध्यप्रदेश चला गया और 22 अप्रैल को कानपुर पहुंचा। इसके बाद से साकेत नगर स्थित अपने दोस्त के फ्लैट में रहकर सट्टा खिलवा रहा था। उसकी गिरफ्तारी की सूचना फैलते ही लखनऊ में सक्रिय सट्टेबाजों में खलबली मच गई। बताया जा रहा है कि धंधे से जुड़े कई लोगों के फोन बंद हो गए हैं।
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Source : News Nation Bureau