एमएस धोनी (MS Dhoni) को टीम इंडिया (Team India) का सबसे सफलतम कप्तान माना जाता है. महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को चतुर और चालाक कप्तान माना जाता है. अक्सर यही कहा जाता है कि धोनी अनहोनी को होनी कर देने की ताकत रखते हैं. लेकिन अक्सर कहीं न कहीं कुछ सवाल भी उठाए जाते रहे हैं. हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं कि टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने एक मजबूत टीम इंडिया बनाई, जिसे एमएस धोनी (MS Dhoni) ने आगे बढ़ाया. लेकिन उस टीम की बजाय अक्सर धोनी को ज्यादा महत्व दिया जाता है. हालांकि अब टीम इंडिया के पू्र्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने कहा है कि धोनी की सफलता के पीछे दो खिलाड़ियों का बड़ा हाथ है. एक नाम तो उन्होंने सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का लिया है, लेकिन दूसरा नाम जो उन्होंने लिया है, जो अभी तक किसी ने भी नहीं लिया था, यह हैं टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान (Zaheer Khan).
यह भी पढ़ें ः INDvAUS : भारतीय टीम करेगी आस्ट्रेलिया का दौरा, लेकिन क्वारंटाइन पर बोले सौरव गांगुली
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बहुत भाग्यशाली कप्तान रहे हैं क्योंकि उन्हें हर फॉर्मेट में एक अद्भुत टीम मिली थी. गौतम गंभीर ने कहा कि कप्तान के तौर पर एमएस धोनी को मिली सफलता के पीछे पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान का हाथ है. गौतम गंभीर ने क्रिकेट कनेक्टेड कार्यक्रम में कहा, टेस्ट क्रिकेट में एमएस धोनी के इतने सफल कप्तान बनने का कारण जहीर खान हैं. वो एमएस धोनी को मिला ये उनकी खुशकिस्मती थी, जिसका श्रेय सौरव गांगुली को जाता है. मेरे हिसाब से जहीर खान भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वस्तरीय गेंदबाज रहे हैं.
यह भी पढ़ें ः ENGvWI : इंग्लैंड के पास सिर्फ 170 रन की बढ़त और दो विकेट बाकी, जानिए मैच का हाल
क्रिकेट से संन्यास के बाद राजनीति में आए गौतम गंभीर ने कहा कि एमएस धोनी बहुत भाग्यशाली कप्तान रहे हैं क्योंकि उन्हें हर फॉर्मेट में एक अद्भुत टीम मिली थी. 2011 का विश्व कप टीम एमएस धोनी के लिए बहुत आसान था क्योंकि हमारे पास सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, खुद मैं, युवराज सिंह, यूसुफ पठान और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी थे. इसलिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ टीम मिली थी जबकि सौरव गांगुली को इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी और जिसके कारण एमएस धोनी ने इतने सारी ट्राफियां जीतीं.
यह भी पढ़ें ः सौरव गांगुली के साथ हुआ था विश्वासघात, 15 साल बाद बड़ा खुलासा
इससे पहले गौतम गंभीर ने उन लोगों को कड़ी फटकार लगाई थी, जो 2011 विश्व कप जीत में केवल महेंद्र सिंह धोनी के छक्के का जश्न मना रहे थे. गौतम गंभीर ने कहा था कि विश्व कप पूरी टीम के द्वारा जीता गया था, किसी एक के छक्के के दम पर नहीं. भारत ने 2011 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद दूसरी बार विश्व कप जीता था. फाइनल में एमएस धोनी ने नुवान कुलासेकरा की गेंद पर छक्का लगाया था और भारत विश्व चैंपियन बना था. दरअसल ईएसपीएनक्रिकइंफो ने एक ट्वीट किया था जिसमें उसने एमएस धोनी द्वारा लगाए गए विजयी छक्के की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, इस एक शॉट ने साल 2011 में करोड़ों भारतीयों को जश्न में डुबो दिया था. गौतम गंभीर ने इसी का जवाब देते हुए ट्वीट किया था, ये सिर्फ एक रिमाइंडर है. 2011 का विश्व कप पूरे भारत ने जीता था. पूरी भारतीय टीम ने जीता था और उसके सपोर्ट स्टाफ ने भी. गौतम गंभीर ने उस मैच में 97 रनों की शानदार पारी खेली थी. वहीं, एमएस धोनी चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे और उन्होंने भी नाबाद 91 रनों की पारी खेलकर भारत को छह विकेट से यादगार जीती दिलाई थी. गंभीर ने बाद में एक ट्वीट में लिखा था, विश्व कप सभी भारतीयों द्वारा जीता गया.
यह भी पढ़ें ः पूर्व भारतीय क्रिकेटर की पत्नी कोरोना पॉजिटिव, पूरा परिवार क्वारंटाइन, जानिए डिटेल
आपको बता दें कि हाल ही में पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने भी जहीर खान की खूब तरीफ की थी. वीवीएस लक्ष्मण ने अपने ट्विटर पर लिखा था कि श्रीरामपुर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले जहीर खान की सफलता ने उनके चरित्र की ताकत को दर्शाया है. लक्ष्मण ने लिखा कि उनमें बड़े सपने देखने की हिम्मत थी और उन सपनों का पीछा करने की ठान ली थी. श्रीरामपुर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले जहीर खान की सफलता ने उनके चरित्र की ताकत को दशार्या है. उन्होंने कहा, काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशॉयर के लिए खेलते हुए उन्होंने जो सफलता हासिल की, उसने उनके करियर को फिर से परिभाषित किया और इसने उन्हें आरामदायक जोन में ला दिया.
यह भी पढ़ें ः Amitabh Abhishek Bachchan Corona Positive : पाकिस्तानी क्रिकेटर ने लिखी ये बात, आप भी देखिए
जहीर ने अक्टूबर 2000 में केन्या के खिलाफ वनडे मैच से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। वह 2003 विश्वकप में आशीष नेहरा और जवागत श्रीनाथ के साथ भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण का हिस्सा भी थे. हालांकि उसके बाद जहीर की फॉर्म बिगड़ती गई और वह चोटों से भी घिर गए और टीम से बाहर हो गए. उन्होंने 2004 में वापसी की लेकिन गति और निरंतरता में कमी देखी गई. जिसके कारण आरपी सिंह, इरफान पठान, मुनाफ पटेल और श्रीसंत टीम में आ गए और जहीर फिर से भारतीय टीम से बाहर हो गए. जहीर ने हालांकि इसके बाद काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशॉयर के लिए खेलना शुरू किया. उन्होंने काउंटी के लिए पदार्पण करते हुए 10 विकेट चटकाए.
यह भी पढ़ें ः भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज भी कोरोना पॉजिटिव, अस्पताल में भर्ती
यह उपलब्धि हासिल करने के लिए जहीर सौ वर्षों में पहले गेंदबाज बने. अपने सफल काउंटी कार्यकाल के बाद, उन्हें 2006 में फिर से भारतीय टीम में शामिल किया गया. साल 2011 विश्वकप में महेंद्र सिंह धोनी ने जहीर के अनुभव का खूब फायदा उठाया और जहीर उस विश्व कप में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी के साथ संयुक्त रूप से पहले नंबर पर थे. जहीर ने भारत के लिए 200 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 282 विकेट लिए। इसके अलावा, उन्होंने 92 टेस्ट और 17 टी 20 मैच खेले हैं, जिनमें क्रमश: 311 और 17 विकेट लिए. जहीर ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था.
Source : Sports Desk