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Gautam Gambhir: 'धोनी-कोहली को ना बनाएं हीरो,' 'स्टार कल्चर' पर फिर भड़के गौतम गंभीर

टीम इंडिया (Team India) के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने एक बार फिर से भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में 'स्टार कल्चर' को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने खिलाड़ियों को हीरो बनाए जाने को लेकर जमकर आलोचना की है.

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Roshni Singh
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Gautam Gambhir( Photo Credit : Social Media)

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Gautam Gambhir: टीम इंडिया (Team India) के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने एक बार फिर से भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) में 'स्टार कल्चर' को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने खिलाड़ियों को हीरो बनाए जाने को लेकर जमकर आलोचना की है. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को पूजा करना फैंस को बंद करना चाहिए, वरना इससे बाकी खिलाड़ियों को नुकसान होगा और कोई और आगे नहीं बढ़ पाता है. गंभीर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ड्रेसिंग रूम में किसी को मॉन्स्टर तैयार ना करें, सिर्फ भारतीय क्रिकेट को ही मॉन्स्टर रहने दें. 

गौतम गंभीर से जब पूछा गया कि क्या स्टार खिलाड़ियों की वजह से युवा खिलाड़ियों को अपना नाम बनाने में परेशानी होती है तो गंभीर ने कहा 'ऐसे माहौल में कोई आगे नहीं बढ़ पाया है. पहले महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) थे, अब विराट कोहली (Virat Kohli) हैं.' गंभीर ने एशिया कप 2022 (Asia Cup 2022) में अफगानिस्तान (Afghanistan) के खिलाफ विराट कोहली ने टी20 में शतक जड़ा तब किसी ने भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) की शानदार स्पेल की बारे में बात नहीं की. गंभीर ने कहा कि मैं सिर्फ एकलौता था जिसने भुवनेश्वर की स्पेल की बात की क्योंकि टी20 में 4 रन देकर 5 विकेट चटकाना आसान नहीं होता है. 

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गौतम गंभीर ने सोशल मीडिया को हीरो वाला कलचर के लिए जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह की चीजों के लिए सोशल मीडिया जिम्मेदार है. क्योंकि यहां आपके कितने फॉलोअर्स हैं इससे आपको जज किया जाता है. उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट में ये 'स्टार कलचर' 1983 से चलता आ रहा है. लोग सिर्फ कपिल देव को याद करते हैं. धोनी के कप्तानी में जहां भारत 2007 और 2011 का वर्ल्ड जीता था तब भी यहीं हुआ था. 

गंभीर ने स्टार कलचर को लेकर मीडिया और ब्रॉडकास्ट को भी जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा 'अगर आप रोज एक ही खिलाड़ी के बारे में बात करेंगे तो वह अपने आप एक ब्रांड बन जाएगा. 1983 वर्ल्ड कप (World Cup 19983) में ऐसा ही था फिर 2007 और 2011 में ऐसा हुआ. यह किसने किया. हमारे किसी खिलाड़ी ने नहीं और न ही बीसीसीआई ने. क्या न्यूज चैनल और ब्रॉडकास्टर्स ने कभी भारतीय क्रिकेट पर बात की. क्या हमने कभी कहा कि भारतीय क्रिकेट को चमकाने की जरूरत है. दो या तीन से ज्यादा लोग हैं, जो भारतीय क्रिकेट को आगे ले जा रहे हैं. ये दो-तीन लोग भारतीय क्रिकेट में राज नहीं कर रहे हैं और न ही इन्हें करना चाहिए. भारतीय क्रिकेट उन 15 लोगों से चलना चाहिए, जो ड्रेसिंग रूम में बैठे हों. हर किसी के पास योगदान देने का मौका होता है. मैंने अपने जीवन में किसी का अनुकरण नहीं किया. यही मेरी सबसे बड़ी समस्या रही है. मीडिया और ब्रॉडकास्ट ही ब्रांड बनाते हैं, कोई और नहीं.'

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