दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ डीडीसीए (DDCA) ने मंगलवार को फिरोजशाह कोटला (Feroz Shah Kotla) स्टेडियम का नाम बदलने की घोषणा कर दी है. डीडीसीए ने जानकारी दी है कि फिरोजशाह कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अब अरुण जेटली स्टेडियम (Arun jaitley Stadium) किया जाएगा. डीडीसीए ने यह फैसला अपने पूर्व अध्यक्ष और देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) के सम्मान में किया है, जिनका पिछले सप्ताह शनिवार को निधन हो गया था. हालांकि डीडीसीए ने साफ किया है कि सिर्फ स्टेडियम का नाम बदला जा रहा है, मैदान को आगे भी फिरोजशाह कोटला (Feroz Shah Kotla) के नाम से ही जाना जाएगा. फिरोजशाह कोटला (Feroz Shah Kotla) का नया नामकरण 12 सितंबर को एक समारोह के दौरान किया जाएगा. इसी समारोह के दौरान कप्तान विराट कोहली के नाम पर रखे गए स्टैंड का भी अनावरण होगा.
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दरअसल पहले इस स्टेडियम की स्थिति अच्छी नहीं थी, दिवंगत अरुण जेटली ने फिरोज शाह कोटला स्टेडियम को विश्वस्तरीय बनाया था. जब वे डीडीसीए के अध्यक्ष थे. डीडीसीए के पास इतना पैसा नहीं था कि वह स्टेडियम का नवीनीकरण करा सके. हालांकि जब जेटली डीडीसीए के अध्यक्ष बने तो उन्होंने इसका कायाकल्प करा दिया. अब हम आपको बताते हैं कि यह स्टेडियम कैसे बना और इसका नाम फिरोजशाह कोटला कैसे पड़ा. 1930 के आसपास अंग्रेज नई दिल्ली को राजधानी बना रहे थे. उन्हें क्रिकेट मैचों के आयोजन के लिए स्टेडियम की जरूरत पड़ी. इससे पहले क्रिकेट मैच उत्तरी दिल्ली के रोशनआरा क्लब में होते थे.
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फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का नाम तुलगक वंश के शासक फिरोज शाह तुगलक के नाम पर पड़ा. फिरोजशाह तुगलक का जन्म 1309 को हुआ था. तुगलक ने 1351 से लेकर 1388 तक दिल्ली पर शासन किया था. वे 45 वर्ष की उम्र में दिल्ली सल्तनत की गद्दी पर बैठे थे. उन्होंने अपने शासन में चांदी के सिक्के चलाए. 1351 में ताजपोशी के बाद उन्होंने अपनी रियासत के सभी कर्जे माफ कर दिए थे.
फिरोज शाह तुगलक दिल्ली का पहला सुल्तान था. जिसने दिल्ली के पावर सेंटर को साउथ दिल्ली से रायसीना हिल्स के उत्तर में लेकर आया. इसके पहले दिल्ली के शासक मेहरौली फोर्ट, सिरी फोर्ट और जहांपनाह फोर्ट से शासन चलाते थे. यमुना किनारे कोटला फिरोज शाह दिल्ली की सल्तनत का केंद्र बना.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो