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क्रिकेट इतिहास का सबसे अनोखा दिन बना 1 सितंबर, कहलाएगा गोल्डन डक डे, जानें क्यों

रविवार के दिन क्रिकेट के इतिहास का सबसे अनोखा दिन रहा, 1 सितंबर के दिन एक या दो नहीं बल्कि 8 खिलाड़ियों का दिन इस कदर खराब रहा कि यह दिन 'गोल्डन डक डे' बन गया.

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vineet kumar1
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क्रिकेट इतिहास का सबसे अनोखा दिन बना 1 सितंबर, कहलाएगा गोल्डन डक डे, जानें क्यों

क्रिकेट इतिहास का सबसे अनोखा दिन बना 1 सितंबर, बना गोल्डन डक डे

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क्रिकेट की दुनिया में न सिर्फ खेल रोमांचक होता है बल्कि इस जुड़े किस्से भी उतने ही मजेदार और रोमांचक होते हैं. किसी भी बल्लेबाज खिलाड़ी के लिए उसका सबसे बुरा समय तब होता है जब वह बिना रन बनाए वापस पवेलियन को लौट जाए. हालांकि क्रिकेट में खिलाड़ी जब बिना खाता खोले वापस पवेलियन लौटता है तो उसके लिए 'डक' शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. रविवार के दिन क्रिकेट के इतिहास का सबसे अनोखा दिन रहा, 1 सितंबर के दिन एक या दो नहीं बल्कि 8 खिलाड़ियों का दिन इस कदर खराब रहा कि यह दिन 'गोल्डन डक डे' बन गया. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से लेकर सुपरलीग के मैचों तक रविवार के दिन 8 खिलाड़ी 'डक' का शिकार हुए. इनमें से 6 खिलाड़ी 'गोल्डन डक', 1 खिलाड़ी 'सिल्वर डक' और 1 खिलाड़ी 'डायमंड डक' का शिकार हुए. रविवार को क्रिकेट के इतिहास में हुई इस अनोखी घटना का हिस्सा दो दिग्गज भारतीय खिलाड़ी भी रहे.

आइये देखते हैं रविवार को डक का शिकार हुए खिलड़ियों के बारे में:

विराट कोहली (भारत) (Golden Duck)
वेस्टइंडीज दौरे पर पहुंची भारतीय टीम ने रविवार को जारी दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन वेस्टइंडीज की पहली पारी को 117 रन पर समेट दिया जिसके बाद भारतीय टीम बल्लेबाजी करने उतरी. पारी के 21वें ओवर में कप्तान विराट कोहली बल्लेबाजी करने उतरे लेकिन केमार रोच की गेंद पर विराट कोहली ने जे. हैमिल्टन को कैच पकड़ाया. यह विराट के टेस्ट करियर में पहला मौका था, जब वह गोल्डन डक का शिकार हुए.

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कॉलिन मुनरो (न्यूजीलैंड) (Golden Duck) 
वहीं श्रीलंका दौरे पर पहुंची न्यूजीलैंड की टीम ने रविवार को पल्लाकेल के स्टेडियम में पहली टी20 मैच खेला. श्रीलंका की टीम ने पहले खेलते हुए 174 रन बनाए और न्यूजीलैंड की टीम 175 रनों का पीछा करते पहले ही ओवर में कॉलिन मुनरो का विकेट खो दिया. श्रीलंकाई कप्तान लसिथ मलिंगा ने कॉलिन मनरो को पहली ही गेंद पर बोल्ड कर वापस पवेलियन भेजा दिया.

स्मृति मंधाना (भारत) (Golden Duck)
भारत की मंधाना इन दिनों इंग्लैंड में खेली जा रही 'विमिन क्रिकेट सुपर लीग टी20' टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही हैं. वेस्टर्न स्ट्रोम की ओर से ओपनिंग पर आईं मंधाना साउदर्न वाइपर्स की मीडियम तेज गेंदबाज तैश फैरेंट की गेंद पर कैच आउट होकर गोल्डन डक का शिकार बनीं गईं. इस मैच में कुल तीन बल्लेबाज 0 का शिकार बनीं.

माइया बाउचर (इंग्लैंड) (Diamon Duck) 
स्मृति मंधाना वाले इस मैच में ही मंधाना से पहले माइया बाउचर भी 0 के स्कोर पर ही आउट हुईं. बाउचर रविवार को कुछ ज्यादा ही दुर्भाग्यशाली रहीं कि जहां ज्यादातर बल्लेबाज गोल्डन डक का शिकार हो रहे थे. वह यहां 'डायमंड डक' का शिकार हो गईं. माइया बिना कोई गेंद खेले ही रन आउट हो गई.

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सोफी लफ (इंग्लैंड) (Golden Duck)
मंधाना की टीम की यह विकेटकीपर बल्लेबाज 5वें नंबर पर जब बैटिंग के लिए आईं, तो गोल्डन डक के इस तीर का वह भी शिकार हो गईं. सूफी को अमांडा जेडे वेलिंग्टन ने अपना शिकार बनाया.

लुसी हिगम (इंग्लैंड) (Golden Duck)
विमिन क्रिकेट सुपरलीग में लॉफबोरफ लाइटनिंग और साउदर्न वाइपर्स के बीच खेले गए इस मैच में लॉफबोरफ लाइटनिंग की ओर से 3 खिलाड़ी 0 पर आउट हुईं. इसमें से दो ने गोल्डन डक और एक ने सिल्वर डक बनाया. 10वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरीं लुसी हिगम न्यू जीलैंड की सुजी बेट्स ने अपना शिकार बनाया.

क्रिस्टी गॉर्डन (इंग्लैंड) (Golden Duck)
लुसी के बाद अगली ही गेंद पर बेट्स ने 11वें नंबर पर उतरीं क्रिस्टी गॉर्डन को उनकी पहली ही गेंद पर बोल्ड कर दिया. इस तरह लॉफबोरफ की टीम 143 रन पर ऑल आउट हो गई.

जे गार्डनर (इंग्लैंड) (Silver Duck)
क्रिस्टी और लूसी से पहले इंग्लैंड की लॉफबोरफ की जॉनी गार्डनर 2 गेंद खेलकर आउट रन आउट हुईं. इस तरह वह सिल्वर डक का शिकार बनीं.

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आखिर क्यों होता है क्रिकेट में 'डक' शब्द का इस्तेमाल
दरअसल इंग्लिश में डक शब्द का अर्थ होता है बत्तख और क्रिकेट में इस शब्द के इस्तेमाल के पीछे भी कुछ ऐसी ही अनोखी घटना का जिक्र आता है. इसके अनुसार 17 जुलाई 1866 को जब प्रिंस ऑफ वेल्स बिना कोई रन बनाए आउट होकर वापस पवेलियन लौटे तो एक अखबार ने अगले दिन खबर छापी और शीर्षक दिया कि प्रिंस ऑफ वेल्स बत्तख के अंडे पर बैठकर पवेलियन लौट गए. जब पत्रकार से इसके पीछे की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि 0 का आकार बत्तख के अंडे के जैसा था. इस दिन के बाद से ही जीरो पर आउट होने वाले बल्लेबाजों के लिए 'डक' का इस्तेमाल किया जाने लगा.

क्रिकेट में डक के प्रकार
गोल्डन डक (Golden Duck)
जब कोई बल्लेबाज अपनी पहली ही गेंद पर आउट हो जाता है तो उसे गोल्डन डक कहा जाता है. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने वनडे डेब्यू में बांग्लादेश के खिलाफ गोल्डन डक का शिकार हुए थे.

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डायमंड डक (Diamond Duck)
डायमंड डक उस परिस्थिति को कहा जाता है जब कोई बल्लेबाज बिना कोई गेंद खेले ही आउट हो जाए. ऐसा नॉन-स्ट्राइकर के साथ हो सकता है जब वह रन पूरा करने के प्रयास में क्रीज से बाहर रह जाए.

रॉयल डक/प्लेटिनम डक (Royal Duck/Platinum Duck)
जब कोई बल्लेबाज मैच या पारी की पहली ही गेंद पर आउट हो जाए तो उसे आम तौर पर रॉयल या प्लेटिनम डक कहा जाता है.

पेयर या किंग पेयर (Pair or King Pair Duck)
जब कोई बल्लेबाज टेस्ट मैच की दोनों पारियों में बिना कोई रन बनाए आउट हो जाए तो उसे पेयर कहा जाता है और जब कोई बल्लेबाज मैच की दोनों पारियों में अपनी पहली ही गेंद पर आउट हो जाए तो उसे किंग पेयर कहते हैं.

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सिल्वर और ब्रॉन्ज डक (Silver or Bronze Duck)
इसके अलावा सिल्वर और ब्रॉन्ज डक भी क्रिकेट टर्मोनॉलोजी का हिस्सा हैं. पारी की दूसरी गेंद पर आउट होना सिल्वर डक और तीसरी गेंद पर आउट होना ब्रॉन्ज डक कहा जाता है. हालांकि ये ज्यादा पॉप्युलर नहीं हैं.

बॉम्बे डक (Bombay Duck)
भारतीय तेज गेंदबाज ऑलराउंडर अजीत अगरकर के लिए यह टर्म इस्तेमाल किया गया था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह लगातार पांच पारियों में खाता खोले बिना आउट हो गए थे.

Source : News Nation Bureau

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