आज टीम इंडिया (Team India) के पू्र्व कप्तान और अब बीसीसीआई (BCCI) अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) का जन्मदिन है. सौरव गांगुली दादा (Dada) आज अपना 48वां जन्मदिन मन रहे हैं. सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को भारत के अब तक के सफलम कप्तानों में से एक माना जाता है. लेकिन सौरव गांगुली का जब भी जिक्र आता है तो उस मैच की भी याद आ जाती है, जब साल 2002 में सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत नेटवेस्ट सीरीज (natwest series 2002) के फाइनल में पहुंचा था और भारत में का उस मैच में इंग्लैंड से (India vs England 2002) सामना था. अच्छी शुरुआत के बाद भारतीय मध्यक्रम भरभराकर ढह गया और भारतीय टीम हार की कगार पर पहुंच गई. हालांकि उसके बाद युवराज सिंह (Yuvraj Singh) और मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) ने मोर्चा संभाला और एक हारे हुए मैच को भारत की झोली में डाल दिया. विजयी शॉट लगने ही लार्ड्स की बालकनी (lord balcony) में खड़े सौरव गांगुली ने अपनी नीली टीशर्ट उतरी और उसे हवा में लहरा दिया. उस मैच को आज तक याद किया जाता है. लेकिन इस घटना के बारे में सौरव गांगुली क्या कहते हैं, यह भी आज उनके जन्मदिन पर आपको जानना चाहिए.
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किंग ऑफ कोलकाता पू्र्व कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी आत्मकथा लिखी है, जिसका नाम 'ए सेंचुरी इज नॉट इनफ' है. इस किताब में सौरव गांगुली ने इस मैच का जिक्र किया है. सौरव गांगुली ने किताब में लिखा है कि 2002 के नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल मैच में जीत को लेकर टीम काफी उत्साहित थी. मैच में जैसे ही गेंदबाज जहीर खान ने विनिंग शॉट लगाया मैं अपने आपको रोक नहीं सका और टी-शर्ट उतारकर लहराने लगा. इसके साथ ही सौरव गांगुली ने यह भी लिखा है कि जीतने के बाद टी-शर्ट उतारकर जश्न मनाना सही नहीं था. उन्होंने लिखा है कि जीत का जश्न मनाने के और भी कई तरीके हो सकते थे.
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आपको बता दें कि सौरव गांगुली ने लार्ड्स की बालकनी से अपनी टी-शर्ट उतारकर इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्र्यू फ्लिंटॉफ को जवाब दिया था. सौरव गांगुली ने बताया था कि जब 2002 में इंग्लैंड की टीम भारत आई थी तब एंड्र्यू फ्लिंटॉफ ने मुंबई के वानखेड़े में सीरीज जीतने के बाद अपनी टी शर्ट उतारकर मैदान का चक्कर लगाया था. तभी से सौरव गांगुली के दिमाग में यह तस्वीर चस्पा हो गई थी, इसके बाद उसी साल इंग्लैंड में सौरव गांगुली को भी जश्न मनाने का मौका मिला.
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हाल ही में भारतीय बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने ट्वीटर पर सौरव गांगुली से बात की थी, उसमें भी यह सवाल किया गया. इस पर पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा था कि उनकी कप्तानी वाली जिस टीम ने 2002 में नेटवेस्ट सीरीज में ऐतिहिासिक जीत हासिल की थी उस जीत के बाद टीम ने आवेश में आ गई थी. भारत ने 13 जुलाई 2002 को सौरव गांगुली की कप्तानी में इंग्लैंड द्वारा रखे गए 326 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया था और जीत दर्ज की थी.
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आपको बता दें कि इस मैच में मोहम्मद कैफ ने नाबाज 87 और युवराज सिंह ने 69 रनों की पारी खेली थी. दोनों ने अहम समय पर बेहतरीन साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई थी. सौरव गांगुली ने कहा था कि वो शानदार पल था, हम आपे से बाहर हो गए थ, लेकिन यही खेल है. जब आप इस तरह के मैच जीतते हो तो आप ज्यादा जश्न मनाते हो. वो महान मैचों में से एक है जिनका मैं हिस्सा रहा. उन्होंने कहा, नेटवेस्ट का अपना अलग स्थान है. आप इंग्लैंड में शनिवार को लॉर्ड्स में मैच जीतते हो. खचाखच भरे स्टेडियम में जीतना शानदार एहसास था. उन्होंने कहा था कि विश्व कप फाइनल-2019 वहां हुआ था और मैं वहां कॉमेंट्री कर रहा था. वो अविश्वस्नीय था.
Source : Sports Desk