क्रिकेट को वैसे तो पुरुषों का खेल माना जाता है. क्रिकेट खेलने वाले पुरुष खिलाड़ी जितने बड़े स्टार बन जाते हैं, उतनी लोकप्रियता महिलाओं को नहीं मिल पाती. लेकिन इन सबके बीच एक भारतीय महिला क्रिकेटर ऐसी भी हैं, जो पुरुषों के दबदबे की बीच अपनी अलग ही पहचान बनाने में कामयाब हुई हैं. जी हां, उनका नाम है मिताली राज (Mitali raj). चाहे आपकी महिला क्रिकेट में दिलचस्पी हो न हो, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है कि आप मिताली राज (Mitali raj) के बारे में न जानते हों. भारतीय क्रिकेट की लंबे समय तक सेवा करती आ रही मिताली राज का आज जन्मदिन (mitali raj birthday) है. क्रिकेट के कई ऐसे रिकार्ड हैं, जो मिताली राज (happy birthday mithali raj) ने अपने नाम किए हैं, वह ऐसे रिकार्ड हैं, जो भारतीय पुरुष टीम के सदस्य भी नहीं बना पाए हैं, वहीं मिताली राज (Mitali raj) की दुनिया भर के महिला क्रिकेटरों के बीच एक अलग ही पहचान है. आज उनके जन्मदिन पर आपको कुछ ऐसी बातें जाननी चाहिए जो शायद आप न जानते हों.
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पूर्व भारतीय कप्तान मिताली राज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 20 साल पूरा करने वाली पहली महिला क्रिकेटर बन चुकी हैं. मिताली राज ने दक्षिण अफ्रीका के साथ पिछले दिनों खेली गई एक दिवसीय मैचों की सीरीज के पहले मैच में मैदान पर उतरते ही यह उपलब्धि हासिल कर ली. उन्होंने इस मैच में नाबाद 11 रन बनाए. भारत ने इस मैच को आठ विकेट से अपने नाम किया था. भारत के लिए अब तक 209 वनडे मैच में खुल चुकी मिताली ने 26 जून 1999 में आयरलैंड के खिलाफ अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी और अब वह 50 ओवर के इस करियर में 20 साल और 105 दिन पूरे कर चुकी हैं. वह दो दशकों तक वनडे क्रिकेट खेलने वाली एकमात्र महिला क्रिकेटर भी हैं. दाएं हाथ की बल्लेबाज मिताली के नाम वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक मैच खेलने का रिकार्ड है.
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उन्होंने अब तक 209 वनडे मैच खेले हैं, जो किसी भी महिला क्रिकेटर द्वारा खेला गया अब तक का सर्वाधिक मैच है. उनके बाद इंग्लैंड की कार्लोट एडवर्ड (191), भारत की ही झूलन गोस्वामी (178) और आस्ट्रेलिया की एलेक्स ब्लैकवैल (144) हैं. पूर्व कप्तान मिताली ने 10 टेस्ट और 89 T-20 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने पिछले महीने ही टी-20 से संन्यास लिया.
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आपको यह जानकार हैरानी हो सकती है कि मिताली राज क्रिकेटर नहीं बनना चाहती थीं. वे बनना तो कुछ और ही चाहती थीं, लेकिन मिताली के पिता वायु सेना में अधिकारी थे, लेकिन पिता जितने एक्टिव रहते थे, मिताली राज उतनी ही आलसी हुआ करती थीं. बेटी मिताली को खेल में आगे बढ़ाने के लिए पिता ने उन्हें बल्ला दे दिया और क्रिकेट खिलाने लगे. हालांकि मिताली को डांस का खूब शौक हुआ करता था और वे डांस भी अच्छा करती थी, लेकिन जब पिता ने बल्ला थमा दिया तो फिर मिताली ने भी इसी को अपना जीवन समझ लिया और खेल के मैदान पर वे कमाल दिखाए, जो पुरुष बल्लेबाज भी आज तक नहीं कर पाए. महज 17 साल की उम्र में ही मिताली ने अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेल लिया था और पहले ही मैच में 114 रन बनाकर यह बता दिया था कि वे बहुत आगे जाने वाली हैं और रुकने और थमने वाली नहीं हैं.
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मिताली राज ने सितंबर में ही T20 क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था. हालांकि तभी उन्होंने यह भी कहा था कि वे वन डे क्रिकेट खेलती रहेंगी. मिताली राज ने अंतरराष्ट्रीय T-20 में 32 मैचों में भारत की कप्तानी की है, जिसमें 2012 में महिला T-20 विश्व कप और 2016 में बांग्लादेश में हुए T-20 विश्व कप में भारतीय टीम की कप्तान रह चुकी हैं. लंबे अर्से से मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट टीम का पर्याय रही हैं.
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मिताली राज के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने 89 T-20 मैच खेले हैं, जिनकी 84 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए उन्होंनें 2364 रन बनाए हैं, उनका औसत 37.52 का है. T-20 में मिताली राज ने 17 अर्द्धशतक भी जमाए हैं. मिताली ने तीन बार ICC महिला वर्ल्ड T-20 में भी टीम इंडिया की कप्तानी की है. 2012, 2014 और 2016 ICC महिला वर्ल्ड T-20 में भारत की कप्तानी की है. 2006 में भारतीय महिला टीम ने अपना जो पहला टी20 इंटरनेशनल मैच खेला था, उसमें भी मिताली ही टीम की कप्तान थीं.
Source : Pankaj Mishra