भारतीय टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने उस चैट शो विवाद को याद किया है, जिसके कारण सिर्फ उनका ही नहीं उनकी टीम के साथी लोकेश राहुल का करियर भी अधर में लटक गया था. इन दोनों को आस्ट्रेलियाई दौरे के बीच से वापस बुला लिया गया था. इन दोनों ने मशहूर फिल्म निदेशक करण जौहर के चैट शो पर महिलाओं को लेकर गलत टिप्पणी की थी. हार्दिक पांड्या ने बताया कि उन्होंने एक दूसरे से ब्रेक ले लिया था, क्योंकि शो के बाद दबाव काफी बढ़ गया था. उन्होंने साथ ही कहा है कि तब से उनकी और राहुल की दोस्ती काफी बढ़ गई है और अब वे भाई के समान हो गए हैं.
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हार्दिक पांड्या ने क्रिकबज से कहा, वह मेरे लिए भाई समान हैं. हम दोनों ने एक दूसरे की सफलता का लुत्फ उठाया है और एक ही साथ बुरे दिन भी देखे हैं. उन्होंने कहा, हां, हमने एक-दूसरे से एक महीने का ब्रेक ले लिया था क्योंकि उस समय दबाव काफी ज्यादा था लेकिन वो शख्स नहीं बदला. हार्दिक पांड्या ने कहा, हां, इसके बाद से वो थोड़ा और शांत हो गए हैं लेकिन हमारी दोस्ती पहले जैसी ही है. हमारी जिंदगी में जो कुछ भी हुआ हो, हम एक दूसरे को काफी पसंद करते हैं.
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हार्दिक ने साथ ही बताया कि उस समय के बाद वह किस तरह से बदले. उन्होंने कहा, मैं थोड़ा चतुर हो गया हूं, बस. मैंने अपनी जिंदगी में गलतियां की हैं और मेरी जिंदगी की सबसे अच्छी बात यह है कि मैंने उन्हें कबूल किया है. अगर मैं अपनी गलती नहीं मानता तो एक और टेलीविजन शो होता. दाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने कहा, इसी तरह अगर मैं क्रिकेट में अपनी गलती नहीं मानूंगा तो मैं वो गलती दोहराऊंगा. मैं बस अपनी गलती मान के आगे बढ़ना चाहता हूं. उन्होंने कहा, मेरे पिता को गालियां दी गईं. उन्होंने इंटरव्यू दिया और लोगों ने उनका मजाक बनाया. मुझे सबसे ज्यादा इस बात का बुरा लगा कि मेरे काम के कारण मेरे परिवार वालों को समस्या हुई और यह मुझे बर्दाश्त नहीं है.
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हार्दिक पांड्या ने कहा कि मैं खुद को बैकअप तेज गेंदबाज के रूप में देखता हूं. कमर की सर्जरी के बाद फिलहाल टेस्ट क्रिकेट खेलना चुनौतीपूर्ण होगा. उन्होंने कहा, यदि मैं सिर्फ टेस्ट क्रिकेटर होता तो खेल लेता लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि लिमिटेड ओवरों के प्रारूप में मुझे अपनी उपयोगिता पता है. हार्दिक पंड्या को 2018 में चोट लगी थी जब उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप मैच के दौरान मैदान से स्ट्रेचर से ले जाया गया था. उन्होंने कहा, मुझे लगा कि मेरा कैरियर खत्म हो गया, क्योंकि मैंने कभी किसी को यूं स्ट्रेचर पर जाते हुए नहीं देखा. मेरा दर्द कम ही नहीं हो रहा था, लेकिन मेरा शरीर तुरंत रिकवरी मोड में चला गया. एशिया कप वैसे भी आराम मिलने से पहले मेरा आखिरी टूर्नामेंट था जिसमें यह चोट लग गई.
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उन्होंने कहा, मेरी आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस के कोच रिकी पोंटिंग ने एक बच्चे की तरह मुझे संभाला. मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है. पंड्या ने भारतीय कप्तान विराट कोहली, कोच रवि शास्त्री और एनसीए निदेशक राहुल द्रविड़ को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, विराट, रोहित या रवि सर आपको खेल का ककहरा नहीं सिखाते. उन्होंने मुझे आजादी दी है. उन्होंने मुझे सुरक्षा का भाव दिया और यही वजह है कि मैं अपने फैसले खुद लेने लगा. द्रविड़ के बारे में उन्होंने कहा, उन्होंने मुझे वैसे ही स्वीकार किया, जैसा मैं हूं. उन्होंने कभी मुझे किसी कसौटी पर नहीं कसा. उन्होंने बतौर क्रिकेटर मेरा सम्मान किया.
(इनपुट एजेंसी)
Source : Sports Desk