सौरभ गांगुली (Sourav Ganguly) जब से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष बने हैं लोगों को उनसे उम्मीदें बढ़ गई हैं, लेकिन गांगुली ने शनिवार को कहा है कि वह उन लोगों में से हैं जो खुद अपनी उम्मीदें तय करते हैं. बोर्ड का अध्यक्ष बनने के बाद ही गांगुली (Sourav Ganguly) ने भारत के पहले दिन-रात टेस्ट मैच का रास्ता साफ किया. अब भारत 22 से 26 नवंबर तक बांग्लादेश के साथ ईडन गार्डन्स स्टेडियम में अपना पहला दिन-रात का टेस्ट मैच खेलेगा.
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गांगुली ने यहां पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अंपायर साइमन टॉफेल की किताब 'फाइनडिंग द गैप' के लांच के मौके पर कहा, 'मुझे इस बात से मदद मिलती है कि मैं काफी सब्र रखने वाला इंसान हूं. यह वो चीज है जो मैंने अपने खेलने के दिनों में सीखी थी. मैं हर चीज के साथ सामंजस्य बैठा सकता हूं और उससे सर्वश्रेष्ठ निकाल सकता हूं. एक और चीज मैंने अपने जीवन में सीखी है वो है अपनी खुद की उम्मीदें पैदा करना. मेरी जिंदगी किसी और की उम्मीदें पर नहीं चलती.'
इससे पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने शनिवार को उन खबरों का खंडन किया है जिनमें कहा जा रहा था कि भारत ने पिछले साल एडिलेड में आस्ट्रेलिया के खिलाफ दिन-रात का टेस्ट मैच खेलने से मना कर दिया था. गांगुली ने कहा कि टीम के कप्तान विराट कोहली को गुलाबी गेंद से खेलने के लिए मनाने में उन्हें सिर्फ तीन सेकेंड लगे.
गांगुली ने अध्यक्ष बनने के अगले दिन यानी 24 अक्टूबर को कोहली से बात की थी. इस मुलाकात में उन्होंने पहली चीज जो कही थी वो गुलाबी गेंद से खेलने को लेकर कही थी.
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गांगुली ने यहां पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अंपायर साइमन टॉफेल की किताब 'फाइनडिग द गैप' के लांच के मौके पर कहा कि मुझे नहीं पता कि वह उस समय (दिन-रात का टेस्ट मैच) क्यों नहीं खेले थे. मैं विराट से 24 तारीख को मिला, हमारी मुलाकात एक घंटे चली और मेरा पहला सवाल था कि हमें दिन-रात का टेस्ट मैच खेलना चाहिए। इस पर जो जवाब तीन सेकेंड में मिला.. वो था हां, खेलते हैं.