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भारत के World Cup इतिहास में 4 नंबर के बल्लेबाज ने निभाई है अहम भूमिका, जानें क्या कहते हैं आंकड़े

भारत जब 2011 में दूसरी बार विश्व चैंपियन बना तो विराट कोहली (Virat Kohli) और युवराज सिंह ने बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार पर अहम भूमिका निभायी थी

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vineet kumar1
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भारत के World Cup इतिहास में 4 नंबर के बल्लेबाज ने निभाई है अहम भूमिका, जानें क्या कहते हैं आंकड़े

भारत के WorldCup इतिहास में 4 नंबर के बल्लेबाज ने निभाई है अहम भूमिका

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आईपीएल (IPL) का 12वां संस्करण समाप्त हो गया है और बाकी सभी टीमों की तरह अब भारतीय क्रिकेट टीम का भी पूरा ध्यान क्रिकेट के महासमर विश्व कप (World Cup) 2019 पर केंद्रित है. हालांकि भारत की ओर से 30 मई से ब्रिटेन में होने वाले विश्व कप (World Cup) में नंबर चार पर कौन बल्लेबाज उतरेगा यह टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं के लिए अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है. गौरतलब है कि भारत जब कभी भी विश्व कप (World Cup) का खिताब जीतने में कामयाब हुआ है हर बार मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने अहम भूमिका निभाई है.

भारत जब 2011 में दूसरी बार विश्व चैंपियन बना तो विराट कोहली (Virat Kohli) और युवराज सिंह ने बल्लेबाजी क्रम में नंबर चार पर अहम भूमिका निभायी थी. युवराज सिंह ने दो मैचों में इस स्थान की जिम्मेदारी संभाली थी जिसमें बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने एक शतक की मदद से 171 रन बनाये थे. लेकिन अब आठ साल बाद विश्व कप (World Cup) से ठीक पहले भारतीय टीम मध्यक्रम के इस महत्वपूर्ण स्थान को लेकर उलझन में है जिस पर कभी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने भी अपनी चमक बिखेरी थी.

आइए एक नजर उन लम्हों पर डालते हैं जब विश्व कप (World Cup) में 4 नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए भारतीय खिलाड़ियों का क्या हाल रहा है.

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भारत जब 1983 में विश्व चैंपियन बना था तब यशपाल शर्मा (तीन मैचों में 112 रन) और संदीप पाटिल (तीन मैचों में 87 रन) ने नंबर चार पर उपयोगी योगदान दिया था. दिलीप वेंगसरकर दो मैचों में इस स्थान पर उतरे थे जिसमें उन्होंने 37 रन बनाये थे.

दिलीप वेंगसरकर 1987 में पांच मैचों में नंबर चार बल्लेबाज के रूप में खेले थे जिसमें उनके नाम पर 171 रन दर्ज है. पहले दो विश्व कप (World Cup) में गुंडप्पा विश्वनाथ (कुल छह मैचों में 145 रन) ने यह भूमिका बखूबी निभायी थी जबकि 1992 में तेंदुलकर (सात मैच में 229 रन) के लिये यह नंबर तय था. सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने विश्व कप (World Cup) में भारत की तरफ से नंबर चार पर सर्वाधिक 12 मैच खेले हैं जिनमें उनके नाम पर 400 रन दर्ज है.

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के बाद मोहम्मद अजहरूद्दीन (नौ मैचों में 238 रन) का नंबर आता है. वह 1996 में छह मैचों में नंबर चार पर उतरे थे लेकिन नाबाद 72 रन की एक पारी के अलावा कोई कमाल नहीं दिखा पाये थे.

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इंग्लैंड (England) में पिछला विश्व कप (World Cup) 1999 में खेला गया था और तब अजय जडेजा (तीन मैचों में 182 रन), सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) (तीन मैचों में 164 रन) और अजहर (दो मैचों में 31 रन) ने इस नंबर की जिम्मेदारी संभाली थी. इसके चार साल बाद दक्षिण अफ्रीका में खेले गये विश्व कप (World Cup) में मोहम्मद कैफ सर्वाधिक छह मैचों में नंबर चार पर उतरे थे जिसमें उन्होंने 142 रन बनाये. उनके अलावा राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, युवराज और नयन मोंगिया को भी इस स्थान पर आजमाया गया था.

विराट कोहली (Virat Kohli) ने विश्व कप (World Cup) 2011 के बाद नंबर तीन पर अच्छी जिम्मेदारी निभायी और यही वजह है कि विश्व कप (World Cup) 2015 में अजिंक्य रहाणे सात मैचों में इस स्थान पर बल्लेबाजी के लिये उतरे जिसमें उन्होंने 208 रन बनाये. एक मैच में सुरेश रैना ने यह जिम्मेदारी संभाली और 74 रन की पारी खेली. यह दोनों इस समय विश्व कप (World Cup) टीम में नहीं हैं.

इस विश्व कप (World Cup) में चयनकर्ताओं ने विजय शंकर को इस स्थान के लिये चुना है लेकिन वह आईपीएल (IPL) में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाये. वहीं केएल राहुल ने अच्छी फार्म में दिखाकर अपना दावा मजबूत किया है जबकि दिनेश कार्तिक और महेंद्र सिंह धोनी को भी इस स्थान पर भेजा जा सकता है. इनमें से शंकर, राहुल और कार्तिक को विश्व कप (World Cup) का अनुभव नहीं है.

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महेंद्र सिंह धोनी तीन विश्व कप (World Cup) में खेले हैं लेकिन वह केवल एक बार 2007 में नंबर चार पर बल्लेबाजी के लिये उतरे जिसमें उन्होंने 29 रन बनाये थे. तो क्या कोहली तीसरे नंबर के बजाय चौथे नंबर पर उतरना पसंद करेंगे?

आखिर विश्व कप (World Cup) 2011 में वह इस भूमिका में खरे उतरे थे. वर्तमान भारतीय कप्तान तब पांच मैचों में नंबर चार पर उतरे थे जिनमें उन्होंने एक शतक की मदद से 202 रन बनाये थे.

Source : News Nation Bureau

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