भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से शुरू हो रहे विश्व कप (World Cup) में हिस्सा लेने के लिए बुधवार की सुबह रवाना हुई. विराट कोहली (Virat Kohli) की कप्तानी वाली टीम यह टीम अपने तीसरे विश्व कप (World Cup) खिताब के लिए इंग्लैंड (England) में बाकी देशों का सामना करेगी. वहीं विश्व कप (World Cup) में टीम की कमान संभाल रहे विराट कोहली (Virat Kohli) को लेकर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने बड़ी बात कही है.
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का मानना है कि भले ही विराट कोहली (Virat Kohli) लगातार अच्छा प्रदर्शन करके नित नये रिकार्ड बना रहे हों लेकिन चैम्पियन वह अकेले विश्व कप (World Cup) नहीं जिता सकते. अगर भारत को खिताब जीतना है तो टीम के दूसरे खिलाड़ियों को भी विराट कोहली (Virat Kohli) के साथ अच्छा प्रदर्शन करना होगा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की भूमिका, बल्लेबाजी क्रम में चौथा नंबर और इंग्लैंड की सपाट पिचों पर गेंदबाजों की हालत के बारे में खुलकर बात की.
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यह पूछने पर कि क्या विराट कोहली (Virat Kohli) पर उसी तरह का दबाव होगा जैसा उन पर 1996, 1999 और 2003 विश्व कप में था, सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कहा ,‘आपके पास हर मैच में उम्दा प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाड़ी होते हैं लेकिन टीम के सहयोग के बिना आप कुछ नहीं कर सकते. एक खिलाड़ी के दम पर टूर्नामेंट नहीं जीता जा सकता. बिल्कुल नहीं. दूसरों को भी हर अहम चरण पर अपनी भूमिका निभानी होगी. ऐसा नहीं करने पर निराशा ही हाथ लगेगी.’
भारत का चौथे नंबर का बल्लेबाजी क्रम अभी तय नहीं है लेकिन सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कहा कि मैच हालात के अनुसार इस पर फैसला लिया जा सकता है.
उन्होंने कहा ,‘हमारे पास ऐसे बल्लेबाज हैं जो इस क्रम पर खेल सकते हैं. यह एक क्रम ही है और इसमें लचीलापन होना चाहिये. मुझे यह कोई समस्या नहीं लगती. हमारे खिलाड़यों ने इतनी क्रिकेट खेली है कि किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी कर सकते हैं.’
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने हालांकि वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजों की बढती भूमिका पर निराशा जताई.
उन्होंने कहा ,‘दो नयी गेंदों के आने और सपाट पिचों की वजह से गेंदबाजों की हालत खराब हो गई है. एक टीम 350 रन बना रही है और दूसरी 45 ओवर में उसे हासिल कर रही है.’
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उनका इशारा इंग्लैंड (England) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच हुई वनडे श्रृंखला की ओर था.
उन्होंने कहा ,‘इस पर विचार किया जाना चाहिये. दो नयी गेंद लेनी है तो गेंदबाजों की मददगार पिचें बनाई जायें या एक नयी गेंद की पुरानी व्यवस्था ही लागू रहे जिसमें रिवर्स स्विंग तो मिलती थी.’
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने यह भी कहा कि कलाई के स्पिनरों की भूमिका इस टूर्नामेंट में अहम होगी. भारत के पास चहल और यादव के रूप में ऐसे दो गेंदबाज हैं हालांकि वे ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में उतने प्रभावी नहीं रहे.
उन्होंने कहा ,‘ऐसे कई गेंदबाज हैं जिन्हें बल्लेबाज बखूबी भांप लेते हैं लेकिन फिर भी उन्हें विकेट मिलते हैं. कुलदीप और चहल को ऑस्ट्रेलिया (Australia) श्रृंखला को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है.’
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उन्होंने मुथैया मुरलीधरन का उदाहरण देते हुए कहा ,‘मुरली आफ ब्रेक और दूसरा डालता था. बल्लेबाज उसे भांप भी लें तो भी उसे विकेट मिलते थे.’
Source : News Nation Bureau