ऑस्ट्रेलिया (Australia) और न्यूजीलैंड (New Zealand) में खेले गये पिछले विश्व कप (World Cup) के बाद भारत ने जो 86 एकदिवसीय मैच खेले उनमें बल्लेबाजी शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों मुख्य रूप से रोहित शर्मा (Rohit Sharma) , शिखर धवन (Shikhar Dhawan) और विराट कोहली (Virat Kohli) के इर्द गिर्द घूमती रही और ब्रिटेन में होने वाले क्रिकेट महाकुंभ में भी भारतीय नैया पार लगाने की मुख्य जिम्मेदारी इन तीनों पर ही रहेगी. पिछले चार वर्षों में भारतीय शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने मध्यक्रम की तुलना में 6030 रन अधिक बनाये हैं. इस बीच शीर्ष क्रम के 45 शतकों की तुलना में मध्यक्रम के बल्लेबाज केवल छह शतक लगा पाये. यही नहीं चोटी के तीन बल्लेबाजों ने मध्यक्रम के 35 अर्धशतकों से लगभग दुगुना 67 अर्धशतक जमाये. इससे पता लगता है कि 30 मई से शुरू होने वाले विश्व कप (World Cup) में शीर्ष क्रम की सफलता भारत के लिये कितने मायने रखती है.
भारत ने पिछले चार वर्षों में खेले गये 86 मैचों में से 56 में जीत दर्ज की और इसकी मुख्य वजह शीर्ष क्रम यानि पहले से तीसरे नंबर के बल्लेबाज का अच्छा प्रदर्शन रहा. भारत ने इन मैचों में शीर्ष क्रम में 14 बल्लेबाज आजमाये जिन्होंने कुल मिलाकर 13055 रन बनाये. इस बीच मध्यक्रम के 24 बल्लेबाजों के नाम पर केवल 7025 रन ही दर्ज रहे.
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शीर्ष क्रम में भी केवल विराट कोहली (Virat Kohli) , रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ही 1000 से अधिक रन बना पाये. कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) इन चार वर्षों में 65 मैचों में शीर्ष क्रम में उतरे जिनमें उन्होंने 83.76 की औसत 98.54 के स्ट्राइक रेट से 4272 रन बनाये जिसमें 19 शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं. पिछले चार वर्षों में वह दुनिया में शीर्ष क्रम के अकेले बल्लेबाज रहे जिन्होंने 4000 से अधिक रन बनाये. रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का नंबर उनके बाद आता है जिन्होंने 71 मैचों में 61.12 की औसत से 3790 रन बनाये. उन्होंने इस बीच 15 शतक और 16 अर्धशतक जमाये.
रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के सलामी जोड़ीदार शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने 67 मैचों में 45.20 की औसत से 2848 रन बनाये जिसमें आठ शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं. केएल राहुल को तीसरे सलामी बल्लेबाज के रूप में विश्व कप (World Cup) टीम में शामिल किया गया है लेकिन वह पिछले चार वर्षों में केवल नौ मैचों में शीर्ष क्रम में उतरे जिसमें उन्होंने 310 रन बनाये.
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इसमें एक शतक और दो अर्धशतक भी शामिल है. राहुल को बल्लेबाजी क्रम में चौथे नंबर का प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकिन आंकड़े बताते हैं कि कर्नाटक के इस बल्लेबाज ने पिछले चार वर्षों में मध्यक्रम में खेले गये पांच मैचों में केवल 33 रन ही बनाये.
मध्यक्रम यानि चार से सात नंबर के बल्लेबाजों में भारत का दारोमदार निश्चित तौर पर महेंद्र सिंह धोनी पर टिका रहेगा. जिन्होंने पिछले विश्व कप (World Cup) के बाद 79 मैचों में 44.46 की औसत से 2001 रन बनाये. जिसमें एक शतक और 13 अर्धशतक शामिल हैं. धोनी के अलावा केवल केदार जाधव (58 मैचों में 1154 रन) ही इन चार वर्षों में 1000 रन के पार पहुंचे.
मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कुछ समय पहले विश्व कप (World Cup) के दौरान विराट कोहली (Virat Kohli) के बल्लेबाजी क्रम में बदलाव के संकेत दिये थे जिसके बाद यह कयास लगाये जाने लगे कि जरूरत पड़ने पर भारतीय कप्तान नंबर चार पर उतर सकते हैं.
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आंकड़ों के हिसाब से चलें तो यह कदम आत्मघाती होगा क्योंकि विराट कोहली (Virat Kohli) पिछले चार वर्षों में केवल चार बार मध्यक्रम में उतरे हैं जिनमें उन्होंने महज 34 रन बनाये. इन चार वर्षों में हार्दिक पंड्या (41 मैचों में 641 रन), दिनेश कार्तिक (19 मैचों में 381 रन) और रविंद्र जडेजा (17 मैचों में 172 रन) टुकड़ों में ही अच्छा प्रदर्शन कर पाये. विजय शंकर पिछले एक साल से ही टीम से जुड़े हैं. इस बीच उन्होंने मध्यक्रम में नौ मैच खेले जिसमें 165 रन बनाये.
Source : News Nation Bureau