टीम इंडिया के बल्लेबाज अंबाती रायडू ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी. रायडू के संन्यास लेने के पीछे विश्व कप 2019 में बीसीसीआई द्वारा की गई उनकी अनदेखी को मुख्य वजह बताया जा रहा है. हालांकि रायडू ने अपने संन्यास को लेकर किसी भी वजह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. रायडू द्वारा क्रिकेट से संन्यास की घोषणा करते ही उन्हें आइसलैंड ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने की पेशकश की है. यूरोपीय देश आइसलैंड के क्रिकेट बोर्ड ने रायडू को अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए क्रिकेट खेलने का ऑफर दिया है. इतना ही नहीं आइसलैंड क्रिकेट ने रायडू को रहने के लिए देश में एक स्थाई मकान देने की बात कही है.
Agarwal has three professional wickets at 72.33 so at least @RayuduAmbati can put away his 3D glasses now. He will only need normal glasses to read the document we have prepared for him. Come join us Ambati. We love the Rayudu things. #BANvIND #INDvBAN #CWC19 pic.twitter.com/L6XAefKWHw
— Iceland Cricket (@icelandcricket) July 1, 2019
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गौरतलब है कि आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 के लिए बीसीसीआई ने अंबाती रायडू को टीम में शामिल नहीं किया था. बीसीसीआई ने उन्हें अपने रिजर्व खिलाड़ियों की लिस्ट में रखा था. लेकिन शिखर धवन और फिर विजय शंकर के चोटिल होने के बाद भी रायडू को टीम में शामिल नहीं किया गया. उनकी जगह बीसीसीआई ने रिषभ पंत और फिर मयंक अग्रवाल को टीम में शामिल कर लिया गया. अब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीसीसीआई के इसी रवैये से नाराज होकर अंबाती रायडू ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया.
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नियमों के मुताबिक अंबाती रायडू आइसलैंड के लिए तभी खेल सकते हैं, जब वे वहां के स्थाई निवासी हों. यही वजह है कि आइसलैंड उन्हें स्थायी निवास भी ऑफर कर रहा है. टीम इंडिया के लिए खेलते हुए अंबाती रायडू ने 55 वनडे में 47.05 की औसत से 1,694 रन बनाए हैं. अपने वनडे करियर में रायडू ने 3 शतक और 10 अर्धशतक जड़े हैं और उनका सर्वाधिक स्कोर 124 (नॉटआउट) रहा है. रायडू को 6 टी-20 मैचों में भी मौका मिला. लेकिन टी-20 में रायडू कुछ खास नहीं कर सके. उन्होंने यहां केवल 10.50 की औसत से 42 रन ही बनाए हैं.
Source : Sunil Chaurasia