इंग्लैंड को दूसरे टेस्ट मैच में 317 रनों से हराने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मंगलवार को कहा कि टीम को धैर्य और दृढ़ निश्चय से इस मुकाबले में जीत मिली है और ऐसे में टॉस को जीत का पूरा श्रेय देना उचित नहीं होगा. भारत ने यहां एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेले गए दूसरे मुकाबले में इंग्लैंड को हराकर चार मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर कर ली है. कोहली ने इस जीत का श्रेय टीम के खिलाड़ियों और दर्शकों को दिया है. कोहली ने मैच के बाद कहा दर्शकों के होने से माहौल अलग हो जाता है और उनके स्टेडियम में मौजूद होने से टीम और भी मजबूती से उतरती है
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कोहली ने मैच के बाद कहा दर्शकों के होने से माहौल अलग हो जाता है और उनके स्टेडियम में मौजूद होने से टीम और भी मजबूती से उतरती है. यह खेल हमारे धैर्य और दृढ़ निश्चय का सही उदाहरण है जो टीम ने इस मैच में दिखाया. हम आगे भी इसे जारी रखेंगे. मुकाबले में दर्शकों के समर्थन ने भी बड़ी भूमिका निभाई. कोहली ने आगे कहा कि दोनों टीमों के लिए यहां का वातावरण चुनौतीपूर्ण था. लेकिन हमने इस मुकाबले में धैर्य और दृढ़ निश्चय ज्यादा रखा. हम पिच में टर्न और बाउंस देखकर घबड़ाए नहीं. हमने दोनों पारियों में करीब 600 रन बनाए. अगर आप इस तरह की बल्लेबाजी करें और साझेदारी बनाते हैं तो आपको पता रहता है कि गेंदबाज घरेलू वातावरण में अपना काम बखूबी करेंगे
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मैच में टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनने पर कोहली ने कहा कि टॉस से कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी के अनुरूप पिच का फायदा उठाया था. कोहली ने कहा मुझे नहीं लगता कि इस पिच पर टॉस कोई मायने रखता है. हमें विश्वास था कि दूसरी पारी में हम करीब 300 रन बना लेंगे. दोनों टीमों ने कोशिश की और आप टेस्ट क्रिकेट में यही चाहते हैं कि पिच स्पिनरों के लिए हो या तेज गेंदबाजों के लिए इसमें थोड़ी घास होनी चाहिए. कप्तान ने कहा अक्षर के लिए यह विशेष पल है. अगर वह चोटिल नहीं होते तो पहला मुकाबला भी खेलते. वह तेजी से गेंदबाजी करते हैं और उम्मीद है कि कुछ और मुकाबलों के बाद वह टेस्ट क्रिकेट में ढल जाएंगे.
Source : IANS