टीम इंडिया ने रोमांच से भरपूर दूसरे वनडे मुकाबले में श्रीलंका को 3 विकेट से हरा दिया. भारत की जीत में दीपक चाहर के नाबाद 69 और भुवनेश्वर कुमार के नाबाद 19 रन की अहम भूमिका रही. दोनों ने आठवें विकेट के लिए नाबाद 84 रनों की साझेदारी कर हारा हुआ मैच भारत की झोली में डाल दिया. दीपक चाहर और भुवनेश्वर की बहादुरी का ही नतीजा है कि तीन मैचों की सीरीज में भारत ने 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है. पहले वनडे मे भारत ने मेजबान टीम को सात विकेट से हराया था. पहले मैच के उलट मेजबान टीम सराहनीय प्रदर्शन करते हुए एक समय जीत की ओर अग्रसर थी लेकिन चाहर और भुवनेश्वर ने बल्ले के साथ कमाल करते हुए उससे जीत छीन ली. पहले बैटिंग करते हुए उसने भारत को 276 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया और फिर 193 रनों पर उसके सात विकेट झटक लिए थे लेकिन इसके बाद अपना पहला अर्धशतक लगाने वाले चाहर ने भुवनेश्वर के साथ आठवें विकेट के लिए 84 रनों की नाबाद साझेदारी कर पासा पलट दिया.
- दीपक चाहर की शानदार बल्लेबाजी : मैच के असल हीरो दीपक चाहर ही रहे. एक वक्त मैच फंस गया था और लग रहा था कि मैच हाथ से निकल जाएगा. सभी बड़े बल्लेबाज आउट हो चुके थे. क्रूणाल पांड्या भी आउट हो गए, उसके बाद लगा कि मैच अब खानापूर्ति है. क्रीज पर दीपक चाहर और भुवनेश्वर कुमार थे. यहीं से मैच ने करवट बदली और जो असंभव सा दिख रहा था, वो हो गया. दीपक चाहर ने 82 गेंद पर 69 रन की शानदार पारी खेली. उन्होंने सात चौके और एक छक्का मारकर टीम को जीत तक पहुंचा दिया.
- भुवनेश्वर कुमार का भी बड़ा योगदान : दीपक चाहर के बाद एक और नाम है, जो टीम को जीत तक ले जाने में कामयाब हुआ. वे है भुवनेश्वर कुमार. भुवनेश्वर कुमार ने मौके नजाकत को भांपते हुए तसल्ली से दीपक चाहर का पूरा साथ दिया. उन्होंने रन तो ज्यादा नहीं बनाए, लेकिन उस वक्त क्रीज पर खड़े रहना बड़ा काम था और यही भुवनेश्वर कुमार ने किया. भुवनेश्वर और दीपक चाहर के बीच 80 से ज्यादा रन की साझेदारी हुई. इसमें भुवनेश्वर कुमार ने 28 गेंद पर 19 रन बनाए. इसमें दो चौके शामिल रहे.
- श्रीलंका ने नहीं दिया बड़ा टारगेट : श्रीलंका की टीम ने पहले मैच की हार से कुछ ज्यादा नहीं सीखा, शायद यही कारण था कि पहले मैच में जो टीम 162 रन ही बना सकी थी, वो टीम इस बार 174 तक ही पहुंच गई. पहले मैच में कोई भी बल्लेबाज श्रीलंका की ओर से बड़ी पारी नहीं खेल पाया था, यही कारण था कि स्कोर बड़ा नहीं बन पाया. इस बार सलामी बल्लेबाज अविष्का फर्नांडो ने 50 रन बनाए और असलंका ने भी 65 रन की पारी तो खेली. लेकिन स्कोर इतना ज्यादा नहीं था कि टीम इंडिया के लिए मुश्किल होती.
- मनीष पांडे का रन आउट होना : पहले मैच में ठीकठाक बल्लेबाजी करने वाले मनीष पांडे के ऊपर इस मैच में महती जिम्मेदारी थी. पृथ्वी शॉ और इशान किशन के जल्दी आउट होने के बाद उनके पास पर्याप्त समय था और वे आज आपने आप को साबित भी कर सकते थे. उन्होंने इसकी कोशिश भी की. वे अच्छे शॉट भी खेल रहे थे, लेकिन जब वे 31 गेंद पर 37 रन बनाकर खेल रहे थे, तभी नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से आउट हो गए. इसके बाद मैच फंसा हुआ लगा, लेकिन बाद के बल्लेबाज इसे आखिर तक निकाल ले गए.
- सूर्य कुमार यादव की बल्लेबाजी : मैच में टीम इंडिया की ओर से दो अर्धशतक लगे. एक तो हीरो दीपक चाहर का और दूसरा सूर्य कुमार यादव ने भी अर्धशतक लगाया. जब पृथ्वी शॉ, इशान किशन और शिखर धवन जसे बल्लेबाज आउट हो गए तब सूर्य कुमार यादव ने मोर्चा संभाला और सूझबूझ से बल्लेबाजी की. अपनी 53 रन की पारी में 44 गेंद का सामना किया. उन्होंने छह चौके मारे. एक भी छक्का नहीं था, इससे समझा जा सकता है कि वे कितने अच्छे ढंग से बल्लेबाजी कर रहे थे.