भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पुणे में खेला जा रहा है पहला टेस्ट मैच। जहां ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है। लेकिन उसका टॉस जीतना कितना सार्थक होगा यह वक्त ही बताएगा। आंकड़े यह बताते हैं कि ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ उसके घर में लगातार सात टेस्ट मैचों में टॉस जीता है। यह सातवां मौका है लेकिन बीते छह मौकों में ऑस्ट्रेलिया को मुंह की खानी पड़ी है। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीवन स्मिथ यह सोच रहे होंगे कि काश टॉस हार ही जाता।
कंगारुओं को रास नहीं आता है टॉस जीतना
2010-11 सीजन में जब आस्ट्रेलियाई टीम भारत दौर पर आई थी, तब दोनों टीमों के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी। उस सीरीज को भारत ने 2-0 से जीता था और दोनों ही मौकों पर आस्ट्रेलिया ने टॉस जीता था।
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2012-13 में ऑस्ट्रेलिया के आंकड़ें
इसके बाद 2012-13 में एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर आई। इस बार दोनों टीमों के बीच चार मैचों की सीरीज खेली गई। इस सीरीज को भारत ने 4-0 से अपने नाम किया। इस सीरीज के सभी मैचों में टॉस आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने जीता था।
2010 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को मोहाली में एक विकेट से और फिर बेंगलुरू में सात विकेट से हराया था। 2012 में चेन्नई में पहले टेस्ट मैच में आठ विकेट, हैदराबाद में हुए दूसरे टेस्ट मैच में पारी व 135 रन, मोहाली में छह विकेट और फिर दिल्ली में छह विकेट से जीत हासिल की थी।
क्लार्क के लिए बेहद बुरी रही सीरीज
एक कप्तान के तौर पर वह सीरीज क्लार्क के लिए बुरे सपने जैसा साबित हुई थी और उनकी नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े होने लगे थे। अब लगता है कि शायद स्टीवन स्मिथ के साथ भी कुछ ऐसा ही होने वाला है क्योंकि 2008 के बाद से आस्ट्रेलियाई टीम भारत में उसके खिलाफ सीरीज नहीं जीत सकी है।
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Source : IANS