India Bangladesh Kolkata Test : भारत और बांग्लादेश के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच हो चुका है. इसे जीतकर भारत ने बांग्लादेश पर 1-0 की बढ़त बना ली है. अब बारी दूसरे मैच की है, यह दूसरा मैच ऐतिहासिक होने जा रहा है. यह भारत में ही पहला डे नाइट मैच नहीं, बल्कि भारतीय टीम के लिए भी पहला दिन रात का मैच होगा. यह मैच कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. 22 अक्टूबर से खेला जाने वाला यह मैच पिंक बॉल से खेला जाएगा. इसके लिए भारतीय टीम तैयारी कर रही है, यह न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि बांग्लादेश के लिए भी चुनौती पूर्ण होगा. इस मैच में अब चंद दिन ही बचे हैं, ऐसे में आपको डे नाइट टेस्ट के बारे में सारी जानकारी होनी चाहिए. तो आइए हम आपको डे नाइट टेस्ट के इतिहास के बारे में पूरी जानकारी देते हैं.
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हम आपको इसके इतिहास के बारे में भी जानकारी देंगे, लेकिन उससे पहले आपको यह बताते हैं कि यह मुकाबला कोलकाता के ईडेन गॉर्ड्न्स में खेला जाएगा. इस मैच से भारतीय क्रिकेट में एक अध्याय की शुरुआत होगी. यह मैच बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के प्रयासों से हो रहा है, आपको बता दें कि सौरव गांगुली पहले से ही डे-नाइट टेस्ट के समर्थक रहे हैं और उन्होंने इसके लेकर पहले भी आवाज उठाई थी. लेकिन तब भारतीय खिलाड़ी इसके लिए तैयार नहीं थे, वहीं बोर्ड ने भी ज्यादा जोर इस पर नहीं दिया. इस बार बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने सबसे पहले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को मनाने का काम किया और इसमें वे कामयाब भी हो गए हैं. वहीं सौरव गांगुली के लिए बड़ी सफलता यह भी है कि वे बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को भी राजी करने में सफल रहे हैं.
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यह बात भी ध्यान देने वाली है कि भारत ने डे-नाइट फर्स्ट क्लास मैच का प्रयोग बहुत पहले कर लिया था, तब साल 1996-97 में मुंबई और दिल्ली के बीच रणजी ट्रॉफी का मुकाबला ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में खेला गया था. इस मैच में पहली पारी के आधार पर मुंबई ने जीत हासिल की थी. इसके बाद भारत को इस तरफ देखने में काफी वक्त लग गया. करीब दस साल बाद 2016 में दलीप ट्रॉफी के मुकाबले डे नाइट फॉर्मेट में पिंक बॉल के साथ खेले गए थे, लेकिन कुछ बड़े खिलाड़ियों के नेगेटिव फीड बैक के बाद बीसीसीआई ने अपने पैर पीछे खींच लिए थे.
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महत्वपूर्ण यह भी है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड हर नए प्रयोग को जल्दी नहीं अपनाता है, चाहे T20 वर्ल्ड कप की बात ही क्यों न हो. इसके लिए भारत ने सबसे आखिर में साइन किए थे. वहीं बात डीआरएस यानी डायरेक्ट रिव्यू सिस्टम की ही हो. इसको लेकर पूर्व कप्तान धोनी बिल्कुल तैयार नहीं थे. लेकिन विराट कोहली के आने के बाद भारत की सोच में बदलाव आया और बीसीसीआई में COA के आसीन होने से भारत ने DRS को कुबूल कर लिया. डे-नाइट टेस्ट को सपोर्ट के पीछे सौरव गांगुली का तर्क है कि वो दर्शकों को मैदान में लाना चाहते हैं और इसके लिए डे-नाइट टेस्ट मैच एक अच्छा प्रयोग हो सकता है.
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अब हम आपको डे नाइट टेस्ट के विश्व इतिहास के बारे में बताते हैं. डे-नाइट टेस्ट की शुरुआत साल 2015 में हुई थी, तब ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने ओवल के मैदान पर पहला डे-नाइट टेस्ट खेला था. इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से जीत मिली थी. दूसरा मैच पाकिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच साल 2016 में 13-17 अक्टूबर तक दुबई में खेला गया था, जहां पाकिस्तान ने 56 रनों से मैच जीता था. तीसरा मैच ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच साल 2016 में 24 से 28 नवंबर के बीच खेला गया था, इसमें ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट से जीत हासिल की थी.
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चौथा मैच साल 2016 में 15 से 19 दिसंबर तक ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच ब्रिस्बेन में खेला गया था, इसमें भी ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली थी. पांचवां मैच साल 2017 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच बर्मिंघम में खेला गया था, यहां इंग्लैंड ने पारी और 209 रनों से जीत हासिल की थी. छठा मैच अक्टूबर 2017 में पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच दुबई में खेला गया था, यहां श्रीलंका ने पाकिस्तान को 68 रनों से हरा दिया था. सातवां मैच दिसंबर 2017 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एडिलेड में खेला गया और यहां भी ऑस्ट्रेलिया ने ही बाजी मारी.
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डे-नाइट इतिहास का आठवां मैच दिसंबर 2017 में ही दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे के बीच पोर्ट एलिजाबेथ में खेला गया था. इस मैच में दक्षिण अफ्रीका ने पारी और 120 रनों से जीत हासिल की थी. नौवां मैच मार्च 2018 में न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच ऑकलैंड में खेला गया था, यहां न्यूजीलैंड ने पारी और 49 रनों से जीत दर्ज की थी. जून 2018 में 10वां मैच खेला गया था, जिसमें श्रीलंका ने वेस्टइंडीज को 4 विकेट से हरा दिया था. जनवरी 2019 में खेले गए 11वें मैच में ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका को पारी और 40 रनों से हराया था.
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साल 2015 से लेकर अभी तक कुल 11 डे-नाइट टेस्ट खेले जा चुके हैं. जिनमें ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा 5 मैच खेले हैं और सभी में जीत हासिल की है. गुलाबी गेंद से खेले गए मैच में सबसे बड़ी जीत इंग्लैंड को हासिल हुई है. साल 2017 में इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच बर्मिंघम में खेला गया था, यहां इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को पारी और 209 रनों से हरा दिया था. अब 12वां डे नाइट टेस्ट खेला जाएगा इस बार बारी भारत की है जो कि टेस्ट की नंबर-1 टीम है और इस लिहाज से कोहली एंड कंपनी के सामने ये दबाव जरूर होगा कि वो डे-नाइट टेस्ट में कैसा प्रदर्शन करते है. भारत के सामने डे-नाइट टेस्ट मैच को लेकर कुछ चुनौतियां भी हैं और इसमें सबसे बड़ी चुनौती है पिंक बॉल. जिससे भारतीय खिलाड़ियों के पास ज़्यादा अनुभव नही हैं.
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भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा उन दो खिलाड़ियों में से एक हैं, जो इससे पहले भी दुधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से खेल चुके हैं. रिद्धिमान साहा भारतीय टीम के साथ अपना अनुभव साझा कर रहे हैं. भारतीय खिलाड़ियों में रिद्धिमान साहा के अलावा मोहम्मद शमी को ही घरेलू क्रिकेट में दिन-रात टेस्ट मैच खेलने का अनुभव है. दोनों खिलाड़ी 2016 में ईडन गार्डन्स में सीएबी के सुपर लीग फाइनल में दिन-रात क्रिकेट खेल चुके है.
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अब बात इस मैच के सबसे महत्वपूर्ण चीज की. यह मैच ईडन गार्डंस में खेला जाएगा, यहां शाम के वक्त ओस का असर काफी ज्यादा होता है. सवाल यह भी है कि यह मैच खेला कितने बजे से जाएगा. मैदान के क्यूरेटर सुजान के अनुसार यह ऐतिहासिक मैच दोपहर एक बजे से शुरू होगा. चूंकि शुरुआत जल्दी होगी, इसलिए दिन का खेल करीब 8 से 8.30 बजे तक खत्म हो जाएगा. ओस ज्यादातर उसके ही बाद खेल में खलल डालती है जैसा कि हमने ईडन में हुए सीमित ओवर के मैचों में देखा है. क्यूरेटर के अनुसार इसलिए नहीं लगता कि ओस की समस्या होगी. सुजान ने कहा, हमारे पास ओस से निपटने के लिए स्प्रे और अन्य सामान भी मौजूद है. पिच से हालांकि, तेज गेंदबाजों को मदद मिलने की उम्मीद है क्योंकि 2016 में खेला गया सीएबी सुपर लीग का फाइनल पिंक गेंद से ही खेला गया था और वहां तेज गेंदबाजों को बहुत मदद मिली थी. इससे पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नए अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था कि दिन-रात का टेस्ट मैच खेल के सबसे बड़े प्रारूप को उसकी खोई हुई पहचान दिलाने में बड़ी भूमिका निभाएगा.
इस बीच खबर यह भी है कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना इस मैच में आने वाली हैं. बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त तौफीक हसन और उनकी टीम ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत आने से पहले बंगाल क्रिकेट संघ के अधिकारियों से बात की. 15 नवंबर को प्रधानमंत्री शेख हसीना की सुरक्षा टीम ईडन गार्डन्स स्टेडियम का निरीक्षण कर चुकी है. शेड्यूल के अनुसार हसीना एक दिन के लिए आएंगी और घंटी बजाने के बाद कुछ देर मैच देखेंगी.
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इसके बाद वह आठ बजे फिर आएंगी जब बंगाल क्रिकेट संघ उन्हें सम्मानित करेगा. हसन ने यह नहीं बताया कि ममता और हसीना साथ में मैच देखेंगी या नहीं लेकिन कैब अधिकारी ने संकेत दिया कि दोनों बीसी राय क्लब हाउस पर प्रेसिडेंट बाक्स में साथ बैठ सकती हैं. हसन ने कहा, प्रधानमंत्री उसी दिन सुबह आएंगी. वह मैच शुरू होने से पहले एक बजे घंटी बजाने आएंगी. इसके बाद कुछ देर मैच देखकर आराम करने जाएंगी और आठ बजे फिर आएंगी. उन्होंने कहा, वह घंटी के पास प्रेसिडेंट बाक्स में बैठेंगी. हम उनके लिए किए गए इंतजाम से खुश हैं.
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इनके अलावा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह, चैम्पियन बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष नजमुल हसन समेत कैब के तमाम पदाधिकारी मौजूद होंगे. ब्रेक के दौरान चैट शो भी करने की योजना है, जिसमें सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले और वीवीएस लक्ष्मण होंगे. इसके साथ ही भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को इस मैच में कमेंट्री करने के लिए आमंत्रित किया गया है, यानी बड़ी बड़ी हस्तियां इस मैच के लिए पहुंच सकती हैं.
Source : News Nation Bureau