भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट शुरू होने की तैयारी में हैं. अभी तक दो मैच खेले जा चुके हैं और दोनों टीमों ने एक एक मैच जीता है, इससे सीरीज इस वक्त बराबरी पर है. दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया को जीत तो मिली, लेकिन पिच को लेकर लगातार सवाल उठाए जाते रहे. अब इंग्लैंड के ही पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने टीम को एक बड़ी सीख दे दी है. पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने भारत के खिलाफ दूसरे दूसरे टेस्ट के हार के बाद इंग्लैंड को सलाह दी है कि वे पिच को दोष देने की मानसिकता से बाहर आएं और हाल के अपने विदेशी रिकॉर्ड से प्रेरणा लेकर अंतिम दो टेस्ट मैचों में बेहतर प्रदर्शन करें. इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी डेविड लॉयड ने दूसरे टेस्ट के बाद चेन्नई पिच की आलोचना की थी. नासिर हुसैन ने डेविड लॉयड की आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि हार के लिए पिच से ज्यादा इंग्लैंड के स्पिनरों को दोष देना चाहिए क्योंकि सभी ओवरों में फुल टॉस गेंद डाले.
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नासिर हुसैन ने स्कोई स्पोटर्स से कहा कि उन्हें यह महसूस करने की जरूरत है कि वे घर से बाहर कितने अच्छे हैं और रविचंद्रन अश्विन और रोहित शर्मा ने इस पर बल्लेबाजी की है. मैंने पिछले पांच टेस्टों में कभी भी इंग्लिश स्पिनरों से ऐसी गेंदबाजी नहीं देखी जैसी जैक लीच और मोइन अली ने उस पहली पारी में गेंदबाजी की. हर दूसरे ओवर में फुलटॉस था. मैंने अक्षर पटेल या अश्विन को कोई पूर्ण टॉस डालते नहीं देखा. उनके पास नियंत्रण और विकेट लेने की क्षमता थी. यही वह क्षेत्र है जिस पर इंग्लैंड को काम करने की जरूरत है.
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नासिर हुसैन ने साफ कहा कि पिच के कारण दूसरा टेस्ट रोमांचक था. इंग्लैंड ने पहला टेस्ट 227 रनों से जीता था तो वहीं दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम ने 317 रनों से जीत हासिल करके सीरीज में 1-1 की बराबरी हासिल कर ली है. नासिर ने कहा कि पिच के कारण हर एक गेंद पर मेरी नजर थी. यह बहुत ही आकर्षक था. बहुत सारी चीजें चल रही थीं. अश्विन ने दूसरी पारी में 100 और रोहित शर्मा ने 160 रन बनाए. भारत ने इस पर 600 रन बनाए. यह बहुत ज्यादा माइंसफील्ड नहीं है अगर ये लैड्स इस पर रन बना रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि इंग्लैंड वास्तव में उस मानसिकता को नहीं रखता है कि पिच, टॉस, डीआरएस, अंपायर या इस तरह की किसी भी चीज का रोना रोए. इसके बजाय उन्हें उन डिपार्टमेंट्स में सुधार करना चाहिए जिनमें वह कमतर नजर आया. मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगे.
Source : IANS