एक तरफ भारत और न्यूजीलैंड के बीच डब्ल्यूटीसी का फाइनल मैच 18 जून से शुरू होगा, वहीं आज से भारत और इंग्लैंड की महिला टीम के बीच एकमात्र टेस्ट शुरू होने जा रहा है. भारतीय टीम करीब सात साल बाद अपना पहला टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार है. इससे पहले मंगलवार को महिला टीम ने प्रैक्टिस सेशन में भाग लिया, जिसमें टीम के सभी खिलाड़ी शामिल रहे. ताकि टीम के खिलाड़ियों, खासकर युवाओं को प्रोत्साहित किया जा सके. भारतीय महिला क्रिकेट टीम बुधवार से इंग्लैंड खिलाफ शुरू होने वाले एकमात्र टेस्ट मैच में अपने करीब सात साल लंबे टेस्ट मैच के सूखे को खत्म करने उतरेगी. यह भी पहली बार है जब भारतीय महिला क्रिकेट टीम इंग्लैंड में तीनों फॉर्मेट में सीरीज खेल रही है. दोनों टीमें एक टेस्ट मैच के अलावा तीन वनडे और तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच भी खेलेगी.
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कप्तान मिताली राज ने मैच की पूर्वसंध्या पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कुछ अभ्यास थे जो हमने करने की कोशिश की ताकि लड़कियों को मैदान पर उतरते समय कोई परेशानी न हो क्योंकि उनमें से अधिकांश के लिए यह पहला मैच हो रहा है. यह एक बात है कि कोच रमेश पवार सत्रों में जाने की कोशिश की-चार-पांच सत्र जहां हमने एक टीम के रूप में एक साथ प्रशिक्षण लिया. टेस्ट मैच की विजेता टीम को चार अंक मिलेंगे जबकि ड्रॉ होने पर दोनों टीमों को 2-2 अंक मिलेंगे. एक वनडे या टी20 जीतने पर दो अंक मिलेंगे. सीरीज के विजेता का फैसला तीनों फॉर्मेट में मिले अंकों के आधार पर किया जाएगा.
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भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपना पिछला टेस्ट मैच नवंबर 2014 में अपने घर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था, जब मिताली राज की कप्तानी वाली टीम ने एक पारी से जीत दर्ज की थी. उसके बाद से भारतीय महिला टीम ने कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है. 38 साल की मिताली एक बार फिर से टेस्ट टीम की कप्तानी करेंगी. वह और 38 साल की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी इस भारतीय महिला टीम में सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 10-10 टेस्ट मैच खेले हैं. हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना जैसी अन्य भारतीय महिला क्रिकेटरों ने 2014 में सिर्फ दो टेस्ट मैच खेले हैं.
Source : IANS