भारत ने पांच मैचों की टी-20 सीरीज में 3-0 की अजेय बढ़त लेते हुए न्यूजीलैंड में इतिहास पहले ही रच दिया है, लेकिन विराट कोहली की कप्तानी वाली इस टीम की भूख शांत नहीं हुई होगी और टीम शुक्रवार को होने वाले चौथे टी-20 में लगातार चौथी जीत दर्ज करने के इरादे से उतरेगी. तीसरे टी-20 में भारत ने सुपर ओवर में जीत हासिल की थी. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 179 रन बनाए थे जबकि न्यूजीलैंड भी यही स्कोर बना सकी थी और मैच टाई रहा जिसके कारण मैच सुपर ओवर में गया. न्यूजीलैंड ने 18 रनों का लक्ष्य दिया और रोहित शर्मा ने आखिरी दो गेंदों पर दो छक्के मारते हुए टीम को न सिर्फ सीरीज पर कब्जा दिलाया बल्कि इतिहास भी रचा. यह भारत की कीवी जमीन पर पहली टी-20 सीरीज जीत है.
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रोहित ने सिर्फ सुपर ओवर में ही नहीं पहली पारी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने खराब रिकॉर्ड को सुधारते हुए 40 गेंदों पर 65 रन बनाए थे. रोहित के अलावा कप्तान विराट कोहली ने 38 रनों की पारी खेली थी. भारतीय बल्लेबाजी ने तो तीनों मैचों में शानदार किया. तीसरे मैच में 27 रन बनाने वाले लोकेश राहुल ने शुरुआती दो मैचों में अर्धशतक जमाए थे और पहले मैच में श्रेयस अय्यर का बल्ला भी चला था. दूसरे मैच में भी वह असरदार रहे थे. भारत की चिंता होगी तो गेंदबाजी. जहां पहले औ्र तीसरे मैच में भारतीय गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए. तीसरे मैच में कीवी टीम के कप्तान केन विलियम्सन ने अकेले मैच अपनी टीम के पक्ष में बना दिया था.
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मोहम्मद शमी ने हालांकि आखिरी ओवर में शानदार वापसी करते हुए स्कोर बराबर करा दिया था. यहां कोहली की चिंता जसप्रीत बुमराह को लेकर होगी. चोट से वापसी कर टीम में लौटे बुमराह में वो पैनापन दिखाई नहीं दे रहा है जो पहले हुआ करता था. तीसरे मैच में भी उन्होंने चार ओवरों में 45 रन खर्च किए थे और जब कप्तान ने उन पर भरोसा करते हुए सुपर ओवर सौंपा तो वह 17 रन खा गए. इसी तरह युजवेंद्र चहल और शिवम दुबे भी गेंदबाजी में भारत की परेशानी बने हुए हैं. तीसरे मैच के बाद कोहली ने ऐसे संकेत दिए थे कि वह बाकी दो मैचों में बेंच को आजमा सकते हैं. उन्होंने खासकर वॉशिंगटन सुंदर और नवदीप सैनी के नाम लिए थे.
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अगर वेस्पैक स्टेडियम में इन दोनों को अंतिम-11 में जगह मिले तो यह अचरच की बात नहीं होगी. वहीं मेजबान टीम को देखा जाए तो कप्तान विलियम्सन को छोड़कर उसका कोई और बल्लेबाज जिम्मेदारी भरी पारी नहीं खेल पाया था. कप्तान ने हालांकि मैच के बाद कहा था कि टीम ने शुरुआती दो मैचों की अपेक्षा तीसरे मैच में अच्छा सुधार किया. लेकिन उसके लिए जरूरी है कि मार्टिन गुप्टिल और कोलिन मुनरो बड़ी पारियां खेलें. भारत की तरह न्यूजीलैंड के लिए भी गेंदबाजी चिंता रही है. टिम साउदी का अनुभव भी काम नहीं आ रहा और न ही युवाओं का जोश. टीम में बदलाव की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता.
टीमें:
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा (उप-कप्तान), संजू सैमसन, लोकेश राहुल, श्रेयस अय्यर, मनीष पांडे, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), शिवम दुबे, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, नवदीप सैनी, रवींद्र जडेजा और शार्दूल ठाकुर.
न्यूजीलैंड: केन विलियम्सन (कप्तान), मार्टिन गुप्टिल, रॉस टेलर, स्कॉट कुगलेजिन, कोलिन मुनरो, कोलिन डी ग्रांडहोम, टॉम ब्रूस, डार्ली मिशेल, मिशेल सैंटनर, टिम सेइफर्ट (विकेटकीपर), हामिश बेनेटे, ईश सोढ़ी, टिम साउदी और ब्लेयर टिकनेर.
Source : IANS