अपने पहले ही टेस्ट मैच में शतक लगाने वाले पृथ्वी शॉ (132) के और चेतेश्वर पुजारा (86) और कप्तान विराट कोहली (नाबाद 72) की शानदार पारियों के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम ने गुरुवार को राजकोट टेस्ट के पहले दिन भारत ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ 4 विकेट पर 364 रन बना लिए हैं. इतना ही नहीं भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच के पहले दिन सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड बना लिया है.
इससे पहले यह रिकॉर्ड 361/4 था जिसे भारत ने वेस्टइंडीज के ग्रॉस इसलेट स्टेडियम में 2006 में खेलते हुए बनाया था. वहीं 2011 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में बनाए 346/5 एक दिन में बनाया गया तीसरा बड़ा स्कोर है.
पहले दिन का खेल खत्म होने पर कप्तान विराट कोहली के साथ ऋषभ पंत (17) नाबाद लौटे.
वहीं दूसरे दिन जब भारतीय टीम बैटिंग के लिए उतरेगी तो उसकी कोशिश होगी कि पहली पारी में 600 से अधिक रनों का स्कोर खड़ा करे, जो इस फ्लैट पिच पर आसान भी दिख रहा है, जिससे मेहमान टीम पर अधिक दबाव बनाया जा सके.
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टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने पहले सत्र में एक विकेट के नुकसान 133 रन बना लिए थे. टीम ने अपना पहला विकेट लोकश राहुल के रूप में गंवाया. राहुल खाता भी नहीं खोल पाए.
इसके बाद शॉ और पुजारा ने शतकीय साझेदारी से पहले सत्र के समापन तक कोई और नुकसान हुए बगैर 133 रन बनाए.
दूसरे सत्र में पृथ्वी और पुजारा ने 206 रनों की दोहरी शतकीय साझेदारी कर टीम का स्कोर 209 तक पहुंचाया, लेकिन इसी स्कोर पर पुजारा शेरमान लेविस की गेंद पर विकेट के पीछे खड़े शॉन डॉवरिच के हाथों लपके गए.
लेविस ने पदार्पण टेस्ट मैच में पहला विकेट हासिल किया. पुजारा ने 130 गेंदों का सामना कर 14 चौके लगाए.
इस बीच, भारत के लिए पदार्पण करने वाले शॉ ने भी अपना पहला टेस्ट शतक भी पूरा किया. वह पदार्पण टेस्ट मैच में शतक लगाने वाले चौथे युवा बल्लेबाज बन गए हैं.
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इस सूची में पृथ्वी से पहले बांग्लादेश के क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद अशरफुल, जिम्बाब्वे के हेमिल्टन मसकाद्जा और पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी सलीम मलिक का नाम शामिल है.
इसके अलावा उन्होंने सबसे तेजी से पहला टेस्ट शतक लगाने वाले बल्लेबाजों की सूची में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. पृथ्वी ने 99 गेंदों में अपना शतक पूरा किया. उनसे पहले शिखर धवन ने 2013 में मोहाली में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 85 गेंदों में शतक लगाया था, वहीं दूसरे स्थान पर शामिल ड्वेन स्मिथ ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2004 में 93 गेंदों में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा था.
केवल यहीं नहीं वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने करियर का पहला शतक जड़ने वाले दूसरे सबसे युवा बल्लेबाज हैं. इस सूची में सचिन तेंदुलकर का नाम पहले स्थान पर है. उन्होंने 17 साल और 112 दिन की उम्र में इंग्लैंड के खिलाफ 1990 में मैनचेस्टर में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाया था. पृथ्वी ने 18 साल और 329 दिन की उम्र में करियर का पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाया है.
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पुजारा के आउट होने के बाद शॉ भी ज्यादा देर तक मैदान पर नहीं टिक पाए और देवेंद्र बिशू के हाथों उन्हीं की गेंद पर लपके गए. शॉ ने 154 गेंदों में 19 चौके लगाए.
शॉ 232 के स्कोर पर आउट हुए और इसी स्कोर पर चायकाल की घोषणा कर दी गई. चौथे विकेट के लिए कोहली का साथ देने रहाणे मैदान पर उतरे हैं.
वेस्टइंडीज के लिए गेब्रिएल, लेविस और बिशू ने एक-एक विकेट लिए हैं.
Source : News Nation Bureau