उत्तर प्रदेश की राजधानी और नवाबों के शहर लखनऊ में 24 घंटे से भी कम समय के अंदर भारत और वेस्टइंडीज की टीमें 24 साल बाद नवनिर्मित मैदान इकाना स्टेडियम पर भिड़ने को तैयार बैठी है, हालांकि मैच शुरु होने से कुछ वक्त पहले ही योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. योगी सरकार ने इस मैच को इकाना स्टेडियम की जगह भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में करवाने का फैसला किया है.
आप सोच रहे होंगे कि यूपी में रातों रात यह अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम कब और कैसे बना तो बता दूं कि घबराने कि जरूरत नहीं है क्योंकि यह कहीं और नहीं बल्कि लखनऊ में निर्मित इकाना स्टेडियम का ही नया नाम है.
मैच शुरु होने के एक दिन पहले ही नामकरण के लिए मशहूर योगी सरकार ने इकाना स्टेडियम का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रख दिया है. इसके लिए यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने भी अपनी अनुमति दे दी है.
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बता दें कि इसी साल 16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी का देहांत हो गया था.
सूत्रों के मुताबिक स्टेडियम का नामकरण राज्य सरकार कर सकती है. इसलिए, लखनऊ विकास प्राधिकरण, इकाना स्पोर्ट्स सिटी प्रा.लि. और जीसी कंस्ट्रक्शन ऐंड डवेलपमेंट इंडस्ट्रीज प्रा.लि. के बीच समझौते के बाद लखनऊ के गोमती नगर विस्तार सेक्टर 7 में स्थित स्टेडियम का नाम पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया है.
गौरतलब है कि इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की राजधानी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी का पिछले लगभग ढाई दशक से चला आ रहा सूखा भी खत्म हो जाएगा.
लखनऊ में आखिरी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच जनवरी 1994 में भारत और श्री लंका के बीच केडी सिंह बाबू स्टेडियम में टेस्ट मैच के रूप में खेला गया था. इसके बाद सारे अंतर्राष्ट्रीय मैच और IPL मैच कानपुर में आयोजित किए गए.
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इस अत्याधुनिक स्टेडियम में मैच देखने के लिए दर्शकों में खासा उत्साह है. स्टेडियम की क्षमता 50 हजार दर्शकों की है और यहां मैदान के हर कोने से दर्शक मैच का भरपूर लुत्फ उठा सकते है. इस स्टेडियम में 9 पिचें हैं, शानदार ड्रेसिंग रूम है और दूधिया रोशनी का शानदार इंतजाम है.
Source : News Nation Bureau