Advertisment

Ind Vs Aus: बेंगलुरू टेस्ट में 'विराट' परीक्षा के लिए तैयार कोहली, टीम इंडिया को जीत की पटरी पर वापस लाने का होगा दबाव

पुणे में हार के बाद आलम यह है कि नंबर-1 टेस्ट टीम पर सीरीज गंवाने का खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि कोहली ने जब से टीम की बागडोर संभाली है, तब से भारत इतने दबाव वाला मैच पहली बार खेलेगा।

author-image
vineet kumar
एडिट
New Update
Ind Vs Aus: बेंगलुरू टेस्ट में 'विराट' परीक्षा के लिए तैयार कोहली, टीम इंडिया को जीत की पटरी पर वापस लाने का होगा दबाव
Advertisment

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में मिली हार के बाद बेंगलुरू टेस्ट के पहले दबाव भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली पर होगा। भारतीय टेस्ट टीम की कमान संभालने के बाद विराट कोहली शायद पहली बार असल मायनों में कप्तानी के बोझ को महसूस कर रहे होंगे। सीरीज शुरू होने से पहले टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 'फेवरेट' माना जा रहा था।

ऐसा इसलिए क्योंकि टीम इंडिया को भारत में हराना बेहद मुश्किल है। लेकिन पुणे में ऑस्ट्रेलिया ने सभी कयासों को धता बताते महज तीन दिनों में ही 333 रनों की एकतरफा जीत हासिल कर ली। इसके साथ ही विराट कोहली के नेतृत्व में लगातार 19 टेस्ट तक टीम इंडिया के अपराजित रहने का रथ भी थम गया।  

अब आलम यह है कि नंबर-1 टेस्ट टीम पर सीरीज गंवाने का खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि कोहली ने जब से टीम की बागडोर संभाली है, तब से भारत इतने दबाव वाला मैच पहली बार खेलेगा। साथ ही सवालों के घेरे में कोहली भी हैं।

यह भी पढ़ें: बेंगलुरू टेस्ट के पहले विराट ने दिलाया भरोसा, पुणे टेस्ट जैसी गलती नहीं दोहराएगा भारत

इसलिए देखना होगा कि वे इस दबाव में टीम का नेतृत्व किस तरह करते हैं। खिलाड़ी के तौर पर कोहली पहले कई दफा खुद को साबित कर चुके हैं लेकिन बतौर कप्तान बेंगलुरू टेस्ट उनकी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा।

पुणे की तरह बेंगलुरू की पिच भी करेगी बेड़ा गर्क?

टीम इंडिया के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यही है टीम के सबसे बड़े हथियार स्पिन ने ही पुणे में उसका बेड़ा गर्क किया। पुणे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाज स्टीव ओकीफ ने 12 विकेट चटकाकर तीन दिन के अंदर भारत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।

हालांकि, अब कहा जा रहा है कि बेंगलुरू की पिच पुणे से भिन्न होगी। मैच से दो दिन पहले विकेट से घास हटाई गई है। बेशक यह स्पिन की मददगार होगी लेकिन पुणे की तरह नहीं। इस विकेट से तेज गेंदबाजों को भी मदद मिलने की संभावना है।

कोहली के बल्ले पर दारोमदार

भारत और ऑस्ट्रेलिया सीरीज के तहत पुणे टेस्ट की दोनों पारियों में 0 और 13 का स्कोर बनाने वाले विराट कोहली से बेंगलुरू में काफी उम्मीदे होंगी।

पुणे टेस्ट से पहले कोहली बेहतरीन फॉर्म में थे और लगातार चार टेस्ट सीरीज में चार दोहरे शतक जमाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया था। इसे देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने उनके खिलाफ विशेष रणनीति बनाई है और पुणे में वे सफल भी रहे।

इस लिहाज से देखना होगा कि बेंगलुरू में कोहली का बल्ला कितना बोलता है। ऐसा इसलिए कि यह तय है कि जब तक कोहली का बल्ला चलेगा, टीम इंडिया पर सीरीज गंवाने का खतरा कम रहेगा।

बेंगलुरू में ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड

मैदान का रिकार्ड देखें तो ऑस्ट्रेलियाई टीम का पलड़ा ज्यादा भारी है। ऑस्ट्रेलिया ने बेंगलुरू में दो मैच जीते हैं जबकि दो ड्रॉ रहे हैं। एक में उन्हें हार मिली है। वहीं भारत ने आस्ट्रेलिया को इस मैदान पर सिर्फ एक बार हराया है।

यह भी पढ़ें- फेल होने के बावजूद अजिंक्य रहाणे क्यों हैं विराट और कुंबले के 'फेवरेट'

भारत को यहां खेले गए 21 मैचों में से छह में जीत और इतने मैचों में ही हार मिली है, जबकि नौ मैच ड्रॉ रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यहां खेला गया अंतिम मैच ड्रॉ रहा था।

टॉस होगा अहम

पुणे में ऑस्ट्रेलिया ने अगर शानदार जीत हासिल की तो उसका एक कारण कंगारुओं को टॉस जीतना भी रहा। पिच पहले दिन से ही घूम रही थी और ऊपर से पहले बल्लेबाजी के मौके ने ऑस्ट्रेलिया का आधा काम आसान कर दिया।

पुणे में अगर पहले बल्लेबाजी भारत ने की होती तो क्या पता कहानी कुछ और हो सकती थी। जाहिर तौर पर बेंगलुरू में भी टॉस अहम होगा और विराट कोहली इसे जीतना चाहेंगे।

यह भी पढ़ें: Ind vs Aus: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान क्लार्क बोले, 'भारत के खिलाफ बेंगलुरू में मेहमान को टॉस हारना पड़ेगा बेहद महंगा'

HIGHLIGHTS

  • विराट कोहली के लिए अब तक कप्तान के तौर पर सबसे बड़ा टेस्ट साबित हो सकता है यह मैच
  • पुणे ंमें हार के साथ टीम इंडिया के 19 मैचों में अपराजित रहने का सफर हुआ खत्म
  • हारे तो सीरीज जाने का खतरा, कोहली पर कप्तानी के बोझ के साथ अच्छी बल्लेबाजी का भी दबाव

Source : Vineet Kumar

Team India Virat Kohli india australia test series Pune Test
Advertisment
Advertisment