इयान चैपल और माइकल क्लार्क सहित पूर्व कप्तान चाहते हैं कि भारत के खिलाफ चार मैचों की आगामी टेस्ट सीरीज में युवा सलामी बल्लेबाज विल पुकोवस्की को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में जगह मिले. विक्टोरिया के पुकोवस्की ने शेफील्ड शील्ड में लगातार दो दोहरे शतक जड़ते हुए दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 255 जबकि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 202 रन की पारी खेली. 22 साल के पुकोवस्की मौजूदा सीजन में अब तक 457 रन बना चुके हैं और क्लार्क का मानना है कि एडीलेड में शुरू हो रही टेस्ट सीरीज में उन्हें भारत का सामना करने का मौका मिलना चाहिए.
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क्लार्क ने स्काई स्पोर्ट्स रेडिया से कहा उसे चुनिए... यह आस्ट्रेलियाई टीम में उसे जगह देने का शानदार तरीका है.’ उन्होंने कहा हां यह अच्छी टीम के खिलाफ है, भारत, लेकिन वह बच्चा तैयार है. वॉर्नर उसके सलामी जोड़ीदार होंगे, लाबुशेन तीसरे नंबर पर स्मिथ चौथे नंबर पर, युवा बल्लेबाज के रूप में आपको अपने आसपास ऐसे ही नेतृत्व और अनुभव की जरूरत होती है. साल 1971 और 1975 के बीच ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी करने वाले चैपल ने कहा कि पुकोवस्की टेस्ट सलामी बल्लेबाज जो बर्न्स की तुलना में लंबे समय के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं. बर्न्स ने पिछली गर्मियों में ऑस्ट्रेलिया के लिए 32 की औसत से रन बनाए थे और मौजूदा सत्र में क्वीन्सलैंड की ओर से उन्होंने 7, 29, 0 और 10 रन की पारी खेली है.
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चैपल ने एबीसी से कहा बर्न्स ने इन गर्मियों में बिलकुल भी रन नहीं बनाए है और ऐसे में ऐसा समय आता है जब आप स्वयं से पूछते हो कि बर्न्स किस तरह जा रहे हैं, उन्होंने कहा वह संभवत: सही दिशा में नहीं जा रहा और पुकोवस्की को मौका देने का समय आ गया है चैपल ने कहा उसने छह या सात प्रथम श्रेणी शतक लगाए हैं. इसमें कुछ दोहरे शतक भी शामिल है. वह तैयार है. पुकोवस्की ने 22 प्रथम श्रेणी मैचों में छह शतक की मदद से 57.93 की औसत से रन बनाए हैं आस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मार्क वॉ ने भी भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में सलामी बल्लेबाज के रूप में पुकोवस्की का समर्थन किया। वॉ ने फॉक्सस्पोर्ट्स.कॉम.एयू से कहा, ‘‘मैं निश्चित तौर पर भारत के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए उसे चुनूंगा.
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उसे सलामी बल्लेबाज के रूप में चुना जाना चाहिए. उन्होंने कहा जो बर्न्स का रिकॉर्ड ठीक-ठाक है लेकिन सीजन की उसकी शुरुआत आदर्श नहीं रही है और वह अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए हैं. ऑस्ट्रेलिया की 1979 और 1984 के बीच 28 मैचों में कप्तानी करने वाले किम ह्यूज का भी मानना है कि पुकोवस्की अच्छी स्थिति में है और उन्हें पहले टेस्ट की टीम में शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि वह मानसिक चुनौतियों का सामना करने में सफल रहा है. मैं पुकोवस्की को चुनूंगा
Source : Bhasha